नागपुर. राजस्थान के झुंझुनू स्थित जगदीशप्रसाद झारमल टिबरेवाला विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय राष्ट्रीय विश्वविद्यालय खेल 2024-25 के तहत 24 अप्रैल से लेकर 26 अप्रैल तक टूर्नामेंट आयोजित की जा रही है. राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालयों के बीच आयोजित “मिनी गोल्फ” इस टूर्नामेंट में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने के लिए टीम नहीं बनाई गई है. अत: इस संदर्भ में उचित आदेश जारी करने की प्रार्थना करते हुए सौरभ पीसे की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने युनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए.
याचिकाकर्ता की ओर से मिनी गोल्फ का खिलाडी होने का दावा करते हुए इस खेल में कई पदक जीतने की जानकारी उजागर की गई. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि विश्वविद्यालय और संबंधित कॉलेजों द्वारा उचित अवसर प्रदान किए जाने के अभाव में उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि न तो कॉलेजों और न ही विश्वविद्यालय ने उक्त राष्ट्रीय टूर्नामेंट में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने के लिए ट्रायल आयोजित करने के कदम उठाए हैं. विश्वविद्यालय की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने एक प्रश्नावली की ओर आकर्षित किया है. जिसे खेल और शारीरिक शिक्षा बोर्ड द्वारा गठित समिति द्वारा तैयार किया गया था.
इसका गठन महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालय अधिनियम, 2016 की धारा 57 के तहत किया गया था. कोर्ट का मानना था कि यह समझ से परे हैं कि किन शक्तियों के तहत खेल और शारीरिक शिक्षा बोर्ड को धारा 57 के तहत ऐसी समिति बनाने के लिए अधिकृत कहा जा सकता है. उक्त समिति द्वारा तैयार की गई प्रश्नावली धारा 57 की योजना के विपरीत तैयार की गई है, उसे छात्रों/खिलाड़ियों के हित में नहीं कहा जा सकता है.
कोर्ट के रूख को भांपते हुए विवि के खेल एवं शारीरिक शिक्षा निदेशक के निर्देश पर बताया गया कि टीम के चयन के लिए जल्द ही ट्रायल आयोजित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे ताकि उक्त आयोजन में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने के लिए टीम की भागीदारी हो सके. जिसकी सूचना छात्रों को उनके संबंधित कॉलेजों/क्लबों के माध्यम से दी जाएगी जहां ऐसे खेल का अभ्यास किया जाता है. विवि की इस दलिल को हाई कोर्ट की ओर से स्वीकार किया गया.