नागपुर : बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालियां फैसले में स्पष्ट किया है कि, बेटी बालिग हो गई है, इसलिए पिता उसे मेंटेनेंस देना बंद नहीं कर सकता। बेटे का विवाह होने तक वह मेंटेनेंस की हकदार है। इस निरीक्षण के साथ हाईकोर्ट ने नागपुर के काटोल निवासी एक व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी है। इस याचिका में उसने बेटियों के बालिग होने के कारण उनका मेंटेनेंस बंद करने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की थी।
यह है मामला : इस मामले में दंपति का विवाह 19 जून 1988 को हुआ था। पति-पत्नी की आपस में बनी नहीं इसलिए वह अलग हो गए। दो बेटियां अपनी मां के साथ रहने लगीं। न्यायालय ने पिता को आदेश दिया कि, वह दोनों बेटियों और पत्नी को 500-500 रुपए प्रति व्यक्ति की दर से हर माह मेंटेनेंस अदा करें। पति ने कुछ वर्षों तक नियमित रूप से मेंटेनेंस अदा किया। समय के साथ एक बेटी का विवाह हो गया और दूसरी बेटी भी बालिग हो गई। ऐसे में उसने न्यायालय में अर्जी दायर करके बेटियों का मेंटेनेंस बंद करने की प्रार्थना की।
न्यायालय ने मामले में सभी पक्षों को सुनकर माना कि, अभी एक बेटी का विवाह नहीं हुआ है और उसके पास स्वयं का भरण पोषण करने के लिए कोई आजीविका नहीं है। ऐसे में पिता को ही उसकी देखभाल का खर्च उठाना होगा। हाईकोर्ट ने इस निरीक्षण के साथ व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी।