नागपुर: विश्व साक्षरता दिवस पूरे विश्व में आठ सितम्बर को मनाया जाता है. लेकिन हमारे ही देश में कितने ही ऐसे बच्चे हैं जिनके लिए इस दिन का कोई भी महत्व नहीं है. जिनके पास एक समय का खाना भी नहीं है तो साक्षरता की बात तो दूर है. ऐसे भी बच्चे है जो फुटपाथों पर भीख मांगते है. ऐसे बच्चो को साक्षर करने की जिम्मेदारी ”उपाय ” संस्था ने उठाई है. फुटपाथ पर भीख मांगकर जीवनयापन करने वाले परिवारों के बच्चों के लिए नागपुर की एक संस्था “उपाय’ की ओर से ऐसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास जारी है. सन 2010 में आईटी सेक्टर से जुड़े वरुण श्रीवास्तव द्वारा फुटपाथ शाला के रूप में शुरु किया गया प्रयास अब व्यापक स्वरूप ले चुका है.
फुटपाथ शाला के 26 सेंटर के माध्यम से तकरीबन 1500 बच्चों को शिक्षित करने की पहल जारी है. जिसके तहत नागपुर में 9, दिल्ली में 1, पुना में 2, गुरुग्राम में 4 के साथ ही नागपुर के ग्रामीण भाग मौदा में 9 सेंटर का समावेश है. जिसके तहत डाक्टर, इंजीनियर व शिक्षक पेशे से जुड़े लगभग 250 प्रतिनिधि अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वहीं बात नागपुर की करें तो संतरा मार्केट, यशवंत स्टेडियम परिसर, जगदीश नगर, पागलखाना चौक, आईटी पार्क, लक्ष्मीनगर, माउंट रोड, एलआईसी चौक जैसे परिसर में फुटपाथ पर भीख मांगकर जीवनयापन करने वाले परिवार के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का कार्य संस्था द्वारा जारी है.
संस्था के प्रतिनिधि सुबह व शाम को फुटपाथ शाला लगाकर कम से कम बेसिक पढ़ाई के अलावा, ड्राईंग, क्राफ्ट वर्क जैसी अन्य गतिविधियां सिखाते हैं. 20 बच्चों का स्कूल में दाखिला फुटपाथ शाला के अलावा संस्था की ओर से कुछ बच्चों का स्कूल में दाखिला भी किया गया है. जिसके तहत मनपा की मेयो अस्पताल के समीप सरस्वती विद्यालय व फूल मार्केट स्थित नेताजी स्कूल में 20 बच्चों का दाखिला किया गया है.