नागपुर: प्राइवेट डॉक्टर भी अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ा सकेंगे. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस बाबत नियमों में जरूरी संशोधन किया है. काउंसिल के मुताबिक ये डॉक्टर हर सरकारी मेडिकल कॉलेज में नहीं पढ़ाएंगे, बल्कि इन्हें जिला अस्पतालों को अपग्रेड कर बनाए जाने वाले मेडिकल कॉलेजों में ही पढ़ाने की परमिशन होगी.
काउंसिल ने यह फैसला देश में मेडिकल फैकल्टी की कमी को देखते हुए लिया है. सरकार ने देश के 58 जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में तब्दील करने का फैसला किया है. इनमें से 24 के मामले में इस बार के बजट में घोषणा की गई है. एमसीआई के मुताबिक इन कॉलेजों में जिन निजी डॉक्टरों को पढ़ाने की अनुमति दी जाएगी, उन्हें पोस्ट ग्रैजुएट होना होगा. इसके साथ ही उन्हें प्रैक्टिस का 18 साल का अनुभव होना चाहिए और प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल्स में उनकी कम से कम चार रिपोर्ट्स प्रकाशित होनी चाहिए.