नागपुर– UPSC 2019 संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने दो दिन पहले सिविल सेवा परीक्षा 2019 के नतीजों की घोषणा की है, साथ ही सफल उम्मीदवारों की एक लिस्ट भी जारी की है. लेकिन इसके साथ ही इस लिस्ट को लेकर विवाद शुरू हो गए हैं.
दरअसल, यूपीएससी द्वारा 829 सफल अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी की गई है. जबकि सिविल सेवा 2019 के लिए वैकेंसी की संख्या 927 है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं, कि आयोग ने वैकेंसी की संख्या से कम उम्मीदवारों का चयन कैसे कर लिया? क्या बाकी के पद खाली रहेंगे? इसे लेकर उम्मीदवारों के मन में उलझनें पैदा हो रही हैं. अब आयोग ने इस बारे में स्पष्टीकरण दिया है.
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने कहा है कि ‘यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा की पूरी प्रक्रिया भारत सरकार के नियमानुसार ही की जाती है. सिविल सर्विसेस एग्जामिनेशन रूल्स 2019 के आधार पर रिजल्ट जारी किया गया है. इसके रूल नंबर 16 (4) और (5) के अनुसार, रिजल्ट की घोषणा के बाद पहली बार में 829 सफल उम्मीदवारों की रिजर्व लिस्ट जारी की गई है.
आयोग का कहना है कि ‘रिजल्ट जारी करने की यह पद्धति दशकों से चली आ रही है. ऐसा इसलिए उम्मीदवारों के हित में ही किया जाता है. कई बार आरक्षित श्रेणी वाले जिन उम्मीदवारों का सेलेक्शन जेनरल स्टैंडर्ड पर हुआ हो, वे अपने फायदे के अनुसार अपने रिजर्व स्टेटस के आधार पर मनपसंद सर्विस और कैडर का चुनाव कर लेते हैं. ऐसे में जेनरल की सीटें खाली रह जाती हैं. इन सीटों को फिर रिजर्व लिस्ट से भरा जाता है.’
‘इस बार की बात करें तो रिजर्व लिस्ट में आरक्षित श्रेणी के कई अभ्यर्थी हैं. ऐसे में अगर सीटें खाली हुईं तो उन्हें दूसरी लिस्ट से भरा जा सकेगा. प्रेफरेंस का चुनाव होने तक इस रिजर्व लिस्ट को गोपनीय रखना भी नियमानुसार जरूरी है.’