नागपुर: स्वतंत्रता सेनानी सावरकर के विचार आत्म-चेतना, आत्म-चमक और आत्मविश्वास से भरे हैं। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इन विचारों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने और इसके लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करने की जरूरत पर जोर दिया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को रामनगर स्थित श्री शक्तिपीठ में उपन्यासकार शुभांगी भड़भड़े द्वारा लिखित उपन्यास मृत्युंजयचा आत्मज्ञ का विमोचन किया। यह उपन्यास स्वतंत्रता सेनानी सावरकर के जीवन पर आधारित है। उपमुख्यमंत्री इस अवसर पर भाषण दे रहे थे।
डॉ वि.स. जोग ने विमोचन समारोह की अध्यक्षता की। कवि अनिल शेंडे और संस्कार भारती के अखिल भारतीय साहित्य समन्वयक आशुतोष अडोनी ने इस अवसर पर प्रकाशित उपन्यास के साथ-साथ स्वतंत्रता सेनानी सावरकर की जीवनी पर अपने विचार व्यक्त किए। मृत्युंजय का आत्मज्ञ उपन्यास अनेक दस्तावेजों के अध्ययन और व्यापक शोध के बाद तैयार किया गया है। स्वातंत्र्यवीर सावरकर की जीवनी पर अभी तक कई लेखकों ने लिखा है। हालांकि, यह उपन्यास रूप के दृष्टिकोण से एक अलग तरह का लेखन है।
इस पुस्तक के माध्यम से सावरकर की जीवनी पर प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है। स्वातंत्र्यवीर सावरकर के विचार पुस्तक रूप में उपलब्ध हैं। बदलते समय को देखते हुए नई तकनीक के इस्तेमाल करने की जरूरत है। ऑडियो पुस्तकें वर्तमान में पुस्तकों का सबसे लोकप्रिय माध्यम हैं। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने आगे कहा कि इस उपन्यास और सावरकर के विचारों को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए इस माध्यम के इस्तेमाल की जरूरत है।
उपन्यास ‘मृत्युंजयचा आत्मयज्ञ’ को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स अवार्ड से सम्मानित पद्मगंधा प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित किया गया है। इसके पहले उपन्यास हिंदी में ‘जयस्तुते’ के नाम से भी प्रकाशित हो चुका है।