नागपुर: उत्तराखंड में चीनी सेना द्वारा की गई घुसपैठ पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चीन से उत्तेजनापूर्ण काम नहीं करने की बात कहीं है। उन्होंने चीन की धमकियों का जवाब देते हुए कहाँ की भारतीय सेना मजबूत है और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार भी। उत्तराखंड में घुसपैठ के मामले पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए इसकी अधिकृत जानकारी उन्हें न होने की बात कही।
संघप्रमुख से मिलने नागपुर पहुँचे रावत ने प्राइड होटल में बातचीत में बताया की उन्हें अभी इस मामले की अधिकृत जानकारी नहीं है। भारत और चीन की सीमा में बाराहोती नामक जगह में हुई घुसपैठ की कोशिश पर मुख्यमंत्री ने कहाँ की यह जगह दोनों देशों के बीच विवादित है। इस जग़ह पर हथियार ले जाना प्रतिबंधित है। भारत और चीन दोनों देशों के सैनिक यहाँ आते जाते रहते है भारत की तरफ से चीन से जुडी इस सीमा का की रक्षा की जिम्मेदारी आईटीबीपी (इंडो तिब्बत बॉर्डर फ़ोर्स) की है और यह इलाका आबादी से काफ़ी दूर है। इस जगह पर सीमा पर चिन्हाकन न होने की वजह से विवाद बना हुआ है।
कैन्सर ताल निर्माण के लिए संघ प्रअस्पमुख से सलाह मशविरा
संघ प्रमुख से मुलाखत से उद्देश्य के सदर्भ में किये गए सवाल पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहाँ की वह संघ से स्वयंवेसवक है और नागपुर उनका प्रेरणा स्थान इसलिए यहाँ आना जाना लगा रहता है। नागपुर में संघ के मार्गदर्शन में नेशनल कॅन्सर इंस्टीट्यूट का निर्माण हो रहा है इसी की तरह टाटा के साथ मिलकर उत्तराखंड में भी इसी तरह का अस्पताल तैयार किये जाने का विचार वहाँ की सरकार कर रही है। इसी सिलसिले में विचार विमर्श के लिए वह संघप्रमुख से मिलने पहुँचे है। होटल में ही मुख्यमंत्री ने स्थानीय उद्योजक और वीआईए के पदाधिकारियों से मुलाकात कर राज्य में दिसंबर में होने वाली इन्वेस्टर मीट का निमंत्रण दिया।