– लंबी से बचाव के लिए सवा लाख टीके की आवश्यकता
नागपुर-राज्य के अन्य जिलों में उधम मचाने वाली लम्पी सदृष्य बीमारी ने जिले में प्रवेश किया है शाम में तहसील के बड़े गांव वउमरी इन दो गांवों के नव पशुओं में यह लक्षण पाए गए हैं इसलिए जिला परिषद का पशु विभाग अलर्ट हुआ है जिले के करीब एक हजार जानवरों को प्रतिबंधात्मक निकाल दिया गया है तो 1लाख 30000 टिकों की आवश्यकता है।
राज्य के कुछ जिलों में लंबी की बीमारी ने ग्रामीणों के आगे संकट खड़ा किया है। लंम्पी सदृश्य बीमारी के लक्षणों के बारे में पता चलते ही जिला पशु संवर्धन उपायुक्त डॉ मंजुषा पुंडलिक डॉक्टर युवराज केने ने गांव को भेज दे कर पशुओं की जांच कार सैंपल लिए। पशुपालकों को बीमारी की विस्तार से जानकारी देकर प्रतिबंधात्मक उपाय उनके बारे में आगाह किया। इकट्ठा किए गए सैंपल निदान के लिए पुणे के रोग अन्वेषण विभाग को भेजे जाने वाले हैं।
दोनों गांव के 5 किलोमीटर दायरे के करीब 20 गांव है उसमें 5126 पशुधन है सभी पशुओं को गोट पाक्स उत्तरकाशी स्टेन यह टीका लगाया जाने वाला है आगामी 72 घंटों में टीकाकरण किया जाएगा टीकाकरण की शुरुआत होकर बुधवार को 1000 पशुओं का टीकाकरण किया गया लंपी त्वचा रोग यह गोवंश और भैस वर्ग के जानवरों को होने वाला विषाणु जनित त्वचा रोग है इस बीमारी में जानवरों के शरीर पर कड़क व गोल आकार की गांठें आती है। यह बीमारी जानवर उनसे इंसान की ओर संक्रमित नहीं होती।
इस बीमारी की देसी वंश के जानवरों जानवरों से संकरित जानवरों को फैलने की संभावना अधिक है। वीर्य से भी यह विषाणु बाहर पढ़ने से कृत्रिम रेतन अथवा नैसर्गिक सहयोग के द्वारा भी इसकी फैला हो सकता है जानवरों के मुंह से भी एवं बड़ी मात्रा में लाळ निकलती है जानवरों में कमजोरी आती है वह भूख नहीं लगती आंखों में जख्म होते हैं इस बीमारी से गर्भधारणा हुए जानवरों में गर्भपात हो सकता है यह संक्रमित बीमारी होने से उपचार करने के बजाए बीमारी ना आए इसके लिए प्रतिबंधात्मक उपाय योजना और रोग होने पर उसका प्रसार ना हो इसके लिए पशुपालकों को नए आवश्यक वशीकरण करना महत्वपूर्ण है यह बीमारी संक्रमित होने से जानवरों में इस बीमारी के लक्षण पा जाने पर उस जानवरों को कॉल करें उस जानवरों को अन्य पशुओं के साथ में बांधे ऐसा हवा पशुसावर्धन विभाग द्वारा किया गया है।