मोहगांव देवी में है विदर्भ का सबसे बड़ा गणपति मंदिर
भंडारा। शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से अगर आप थक गए हों तो मानसिक शांति के लिए आप धार्मिक स्थल के दर्शन कर सकते हैं।भंडारा जिले के मोहाड़ी तहसील के ग्राम मोहगांव देवी में विदर्भ के सबसे बड़े गणेशजी के मंदिर ने आकार ले लिया है।
यहां तपस्थली आश्रम की ओर से अष्टविनायक महागणपति देवस्थान में भगवान गणेश की 21 फीट ऊंची मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई है यह मूर्ति अष्टविनायक मंदिर के छत पर विशालकाय रूप में विराजमान है।
श्री गणेश के अनन्य भक्तों को विराट गणेशजी के दर्शन आस-पास के गांवों और 2 किलोमीटर दूर से ही स्वप्न आकार के रूप में होते हैं लिहाजा इस मंदिर की यात्रा को अष्टविनायक तीर्थ यात्रा भी कहा जाता है। गणेश चतुर्थी पर तो इस मंदिर में दर्शनों हेतु बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
दरअसल पुणे के विभिन्न इलाकों में श्री गणेश के 8 मंदिर हैं इन्हें अष्टविनायक भी कहा जाता है। श्रद्धालु भक्तगण एक ही स्थान पर अष्टविनायक के दर्शन कर सकें इसलिए मोहगांव देवी के तपस्थली आश्रम में दिलों को सुकून देने वाली अष्टविनायक की आठ प्रतिमा बनाई गई है जो भक्तों के चिंताओं का हरण करके श्रद्धालुओं को सुखी और समृद्ध बनाती है।
मंदिर की मूर्त्ति को गांव के कारीगरों ने बनाया है
खास बात यह है कि इस मंदिर और मूर्तियां को गांव के कारीगरों ने बनाया है इसके लिए किसी आर्किटेक्ट या इंजीनियर की मदद नहीं ली गई।
अष्टविनायक मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां चढ़नी होती है इस मंदिर को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है ।
विचलित मन को शांत करने के लिए अष्टविनायक विघ्नहर्ता के दर्शनों हेतु बड़ी संख्या में भक्तगण यहां आ रहे हैं क्योंकि गणेश उत्सव जोरों पर है ।
मंदिर के आसपास और चारों ओर फैली हरियाली भी श्रद्धालुओं को बरबस ही अपनी और आकर्षित करती है।
रवि आर्य