Published On : Tue, Oct 18th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

video गोंदिया: बुलंद इरादे बने मिसाल , पहाड़ी पर साइकिल से पहुंचा , पागड़ी गढ़ माता मंदिर

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निखिल बहेकर के हौसलों की उड़ान हैरतअंगेज ! बनाया पहाड़ी पर साइकिल से पहुंचने का रिकॉर्ड

गोंदिया। सपने तो सब देखते हैं , पर पूरा कुछ ही लोगों का होता है।
भारतीय सिविल सेवा की तैयारी कर रहे गोंदिया के टीबी टोली निवासी 28 वर्षीय निखिल बहेकर नामक युवक ने साइकिल से 1.8 किलोमीटर की इस ऊंचाई पर साइकिल से पहुंचने वाले प्रथम साइकिलिस्ट का तमगा हासिल करते असंभव को संभव बना दिया।

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बुलंद हौसले और पक्के इरादों के बल पर दुर्गम रास्तों की चुनौतियों को पार करते हुए निखिल बहेकर यह 1 अक्टूबर को गोंदिया से सटे ग्राम पांगड़ी पहुंचा तथा ऊंची चोटी के शिखर पर स्थिति गढ़ माता मंदिर में साइकिल से महज 30 मिनट 29 सेकंड में पहुंच गया और गढ़ माता का आशीर्वाद लेकर लौटा।

पहाड़ के पथरीले रास्ते और सीधी ऊंचाई पर साइकिल चलाना बेहद मुश्किल था इसमें गिरकर चोटिल होने की भी संभावना थी लेकिन इस उपलब्धि को हासिल करने का जुनून भी था।

नागपुर टुडे से बात करते निखिल ने कहा- उसने एडवेंचर के तौर पर पहाड़ी चढ़ाव पार करने का निश्चय किया , कुछ-कुछ ऐसी जगह थी जहां साइकिल नहीं चला सकते थे वहां साइकिल को कैरी कर मैं ऊपर चढ़ा।

इस दौरान मेरे साथ पहाड़ी पर हाइकिंग के लिए आए हुए सागर अग्रवाल और पीयूष जैन ने मेरा हौसला बढ़ाया।

निखिल बहेकर ने बताया- गोंदिया के साइकिलिंग संडे ग्रुप से वह पिछले 2 वर्षों से जुड़े हुए हैं तथा 14 फरवरी 2021 को जब यह ग्रुप साइकिल से डोंगरगढ़ गया था तब भी वो उस यात्रा में शामिल थे।
आने वाले 23 अक्टूबर 2022 को संडे के दिन वे गोंदिया- टू -कान्हा केसरी नेशनल पार्क का सफर साइकिल से महज 12 घंटे में तय करेंगे ।

गोंदिया से कान्हा केसरी नेशनल पार्क की दूरी लगभग 128 किलोमीटर है ‌।

गोंदिया के बालाघाट टी- पांइट से सुबह 6:00 बजे उनकी साइकिल यात्रा शुरू होगी और उसी दिन शाम 6:00 बजे के पहले वह वापस गोंदिया आ जाएंगे।

निखिल ने कहा- कान्हा केसरी जाने के लिए सतपुड़ा पहाड़ी को पार करना होता है इस दौरान ऊंचाई पर स्थित 52 मोड़ की चढ़ाई को पार करना चुनौतीपूर्ण कार्य है लेकिन इस मुश्किल रास्ते पर खुद का बैलेंस ओर साइकिल का बैलेंस बनाते हुए वे महज 12 घंटे में कान्हा नेशनल पार्क के गेट को छूकर (सेल्फी) लेकर वापस लौटेंगे।

निखिल का कहना है कि उन्होंने खतरनाक रास्तों पर अब तक लगभग 12000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा की है और लक्ष्य को प्राप्त करने में कामयाब रहे हैं।

आम जनता से अपील करते हुए उन्होंने कहा- आज की भागती दौड़ती जिंदगी में सेहत का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है।
साइकिल चलाने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है इसलिए साइकिलिंग कर आप शारीरिक व्यायाम का सर्वोत्तम लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

रवि आर्य

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