कई बार होता है कि अपने सगे संबंधियों को छोड़ने के लिए आए लोग उनका सामान ट्रेन के डिब्बे के भीतर तक पहुंचाने के लिए , खुद ट्रेन की बोगी में सवार हो जाते हैं बिना यह सोचे समझे कि ट्रेन का स्टॉपेज महज़ कुछ मिनट का है और ट्रेन कभी भी स्टार्ट हो सकती है।
तो कभी ऐसा भी होता है कि गंतव्य स्टेशन पर ट्रेन पहुंचने के बाद भी , ट्रेन के बोगी में विश्राम की मुद्रा में बैठे यात्री को यह समझ नहीं आता कि उसका स्टेशन आ चुका है जहां उसे उतरना है।
कुछ ऐसा ही वाक्या शुक्रवार 23 अगस्त के दोपहर गोंदिया जंक्शन के प्लेटफार्म पर घटित हुआ।
दरअसल हुआ यूं कि ट्रेन क्रमांक 22894 हावड़ा -साईं नगर ( शिर्डी एक्सप्रेस ) प्लेटफार्म नंबर 3 पर दोपहर 2:15 बजे पहुंची और 3 मिनट के स्टॉपेज के बाद 2:18 बजे छूटने लगी , इसी बीच ट्रेन के एसी B-5 कोच से हड़बड़ाहट में एक यात्री उतारने का प्रयास करने लगा , ट्रेन की रफ्तार तेज हो गई थी लिहाज़ा उसने दौड़ती ट्रेन से उतरने की चेष्टा की इस दौरान उसका संतुलन बिगड़ गया जिससे व्यक्ति प्लेटफार्म पर औंधे मुंह गिरा तथा प्लेटफार्म और ट्रेन के बीच मध्य स्थित गैप में जाने ही वाला था कि ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ पोस्ट की गोंदिया महिला आरक्षक जया ऊके की उस ट्रेन से गिरे मुसाफिर पर नजर पड़ी , चंद कदम की दूरी पर ड्यूटी कर रहे प्रधान आरक्षक एम.के वाघे तथा सहायक उपनिरीक्षक अजय चौबे ने तुरंत उस शख्स को सुरक्षित रूप से अपनी और बाहर खींच लिया और इस तरह ट्रेन की चपेट में आकर अनापेक्षित हादसे का शिकार होने से प्रदीप सिन्हा नामक यात्री बच गया।
एसी कोच के विंडो पर पर्दे थे , पता ही नहीं चला गंतव्य स्थान आ गया
आगे की पूछताछ करने पर पता चला कि ट्रेन के गोंदिया स्टेशन के प्लेटफार्म पर पहुंचने के बाद भी एसी बोगी B-5 के सीट नंबर 46 पर यात्रा कर रहे प्रदीप सिन्हा नामक यात्री समझ नहीं पाया था कि उसका गंतव्य स्टेशन आ चुका है , क्योंकि एसी कोच के उस कंपार्टमेंट के ग्लास विंडो पर परदे थे , जैसे ही ट्रेन चलने लगी तब उसे एहसास हुआ कि गोंदिया था , गाड़ी चलने लगी अचानक वह यात्री चलती ट्रेन से हड़बड़ाहट में उतरने लगा , लेकिन गनीमत रही कि रेलवे के जवान उसी जगह फरिश्ते बनकर खड़े थे जिससे उसकी जान बच गई।
यह सारा घटनाक्रम गोंदिया स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो चुका है , जवानों की मुस्तैदी और किसी रेल मुसाफिर की जान बचाने के लिए उनकी सराहना हो रही है।
रवि आर्य