गोंदिया। इंसानी आबादी का बढ़ता दबाव और जंगलों की कटाई , वन्य जीवों के लिए मुसीबत का सबक बनता जा रहा है। क्योंकि जंगल कम होते जा रहे हैं ऐसे में वन्य जीव रिहायशी बस्तियों की ओर पलायन कर रहे हैं।
गोंदिया शहर के गणेश नगर इलाके में स्तिथ जिला परिषद के सार्वजनिक बांधकाम के उप विभाग कार्यालय दफ्तर परिसर के भीतर , 24 अगस्त शनिवार की सुबह भालू घुस गया जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। दरअसल शहर से चंद किलोमीटर की दूरी पर स्थित पांगड़ी के जंगल से देर रात भालू ने शहर का रुख किया।
गणेश नगर इलाके में गायत्री हॉस्पिटल निकट भालू के पहुंचते ही आवारा कुत्तों के झुंड ने भोंकते हुए भालू को खदेड़ना शुरू किया। इस दौरान सुबह 4:45 बजे टीवी टावर सेंटर निकट स्तिथ गोंदिया अग्निशामक विभाग कार्यालय का जालीदार गेट जो की बंद था और बाहर से कुत्तों के भौंकने और भालू के चिंगाराने की आवाजें आने पर फायर अधिकारी भंडारकर और फायरमैन बबली ठाकुर ने बाहर झांककर देखा तो भालू जाते हुए दिखाई दिया।
भालू कहीं किसी मॉर्निंग वॉक को निकले इंसान पर हमला न कर दे इसी आशंका के चलते उसका गाड़ी से पीछा किया तो भालू गणेश नगर स्थित जिला परिषद के सार्वजनिक बांधकाम विभाग के उप विभाग कार्यालय में घुस गया जिस पर दमकल कर्मी और एक राहगीर सुंदर सोनवाने ने सूझबूझ दिखाई और शासकीय बिल्डिंग का खुला मुख्य दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। इस दौरान भालू ने खूब उछल कूद मचाई और परिसर की दीवार फांदने का भरसक प्रयास किया लेकिन वह विफल रहा।
तत्काल दमकल विभाग कर्मियों ने घटना की जानकारी वन विभाग गार्ड चंद्रकांत को देते जल्दी टीम भेजने को कहा तथा गोंदिया शहर पुलिस स्टेशन को भी फोन कर सूचित किया।
सुरक्षित नवेगांव बांध रिजर्व वन परिक्षेत्र में छोड़ा
सूचना मिलते ही हमले की आशंका को देखते हुए वन विभाग का दल मौके पर पहुंचा , डीएफओ , एफओ और लोकल रेंजर की टीम के मौके पर पहुंचते ही फॉरेस्ट विभाग की रैपिड रेस्क्यू टीम भी पिंजरा लेकर घटना स्थल पर पहुंच गई इस दौरान भालू शासकीय दफ्तर परिसर के भीतर बैठा हुआ दिखाई दिया।
इसके बाद नवेगांव बांध (साकोली ) से शॉटगन से ट्रेन्यूलाइज कर भालू को पिंजरे में कैद करने हेतु फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की रैपिड रेस्क्यू टीम बुलाई गई।
इस दौरान शासकीय इमारत की दीवार पर चढ़कर शॉटगन से भालू पर फायर कर उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया , 15 मिनट के बाद बेहोश हो जाने पर वन विभाग टीम ने भालू को पिंजरे में कैद कर उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ने हेतु नवेगांवबांध रिजर्व वन परिक्षेत्र की ओर ले गई जहां स्वास्थ परिक्षण के पश्चात भालू को खुले में विचरण हेतु जंगल में छोड़ दिया गया है , यह रेस्क्यू ऑपरेशन तकरीबन 4 घंटे तक चला।
रवि आर्य