झूलेलाल चालीसा महोत्सव में दिखे भक्ति के सतरंगी रंग , अखंड ज्योति के दर्शन मुख्य आकर्षण का केंद्र
गोंदिया: भगवान झूलेलाल जी के चालीसा महोत्सव को सिंधी समाज में श्रद्धा का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है , मान्यता है कि इन दिनों इष्ट देव झूलेलाल ने वरुण देव का अवतार लिया था लिहाज़ा इस दौरान सिंधी समाज बंधु प्रतिदिन झूलेलालजी के मंदिर में दर्शनों हेतु पधारते हैं और विशेष पूजा अर्चना, पल्लव , आरती में हिस्सा लेते हैं।
अनेक श्रद्धालुओं द्वारा मन्नतों को पूर्ण करने के लिए पूजा-पाठ, जप , व्रत आदि किए जाते हैं।
स्थानीय सिंधी स्कूल के सामने स्थित प्राचीन झूलेलाल मंदिर में 16 जुलाई से बड़ी ही आस्था और उमंग के साथ श्री झूलेलाल अखंड ज्योति चालीहो महोत्सव मनाया जा रहा है ।
इस अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया है जहां सिंधी कला और संस्कृति से परिचय कराते इन 40 दिनों के दौरान कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें लोकगीत , नृत्य और भजन के साथ छप्पन भोग ( लज़ीज़ सिंधी पकवानों ) के अनूठे सतरंगी रंग नज़र आए साथ ही भजन संध्या जैसे कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
आयोलाल- झूलेलाल के जयकारों के साथ मंदिर परिसर भक्तिमय हो रहा है तथा सिंधी समाज बंधु प्रतिदिन सुबह शाम आरती एवं पल्लव में हिस्सा लेकर अखंड ज्योति का दर्शन कर रहे हैं
चालिहो महोत्सव का समापन आज 25 अगस्त गुरुवार को होगा इस उपलक्ष्य में 24 अगस्त की शाम पूर्व संध्या पर इष्ट देव भगवान झूलेलाल को छप्पन भोग का महाप्रसाद भी समर्पित किया गया इस मौके पर भक्ति गीतों पर नृत्य करते श्रद्धालुओं ने समां बांधा तथा वंदना पर्व पर ईश्वर से सुख समृद्धि की कामना की।
आज गुरुवार 25 अगस्त सुबह 11 से शाम 4 बजे तक बजे तक चलिहो साहिब की दिव्य अखंड ज्योति दर्शनों का आयोजन किया गया है , शाम 6 बजे बहिराणा साहिब का रथ सिंधी स्कूल निकट से नगर भ्रमण हेतु निकलेगा तत्पश्चात गोविंदपुर इलाके में दरियाशाह तालाब पर अखंड ज्योति का विसर्जन पुरी श्रद्धा के साथ किया जाएगा , रात 8 बजे महाप्रसाद का आयोजन झूलेलाल मंदिर प्रांगण में किया गया है।
झूलेलाल मंदिर कमेटी के सुनील चावला तथा प्रमुख पुजारी अरविंद मिश्रा ने श्रद्धालुओं से अखंड ज्योति के दर्शनों और महाप्रसाद का लाभ लेने की अपील की है।
रवि आर्य