कलयुगी मां ने नवजात को मरने के लिए छोड़ा , लोगों ने शिशु को नई जिंदगी दे दी
गोंदिया: किसी अज्ञात बिन ब्याही कलयुगी मां ने अपने नवजात शिशु को जन्म देते ही उसे मरने के लिए लावारिस अवस्था में स्कूल के शौचालय में छोड़ दिया था लेकिन भगवान बनकर पहुंचे कुछ लोगों ने शिशु को नई जिंदगी दे दी।
मानवता को शर्मसार करने वाला मामला गोंदिया जिले के सड़क अर्जुनी तहसील के ग्राम राका (पलसगांव) स्थित जिला परिषद स्कूल में 1 नवंबर शाम 7:00 बजे सामने आया है।
लोकलाज के डर से किसी अज्ञात बिन ब्याही मां ने नवजात शिशु को जन्म देते ही अपने हाथों से उसे जिंदा अवस्था में जिला परिषद स्कूल के शौचालय में डाल दिया और फरार हो गई।
बच्चे के रोने (किलकारीयों) की आवाज सुनकर मौके पर मौजूद लोगों ने शौचालय का रुख किया तो वे अवाक रह गए और टॉयलेट की शीट में रखे नवजात को अंदर से निकाला इस दौरान काफी भीड़ इकट्ठा हो गई।
जिसे गोद में लेकर तत्काल सड़क अर्जुनी अस्पताल में डॉक्टर के पास ले जाया गया जहां से इस नवजात शिशु को आगे के इलाज के लिए गोंदिया के जिला बीजीडब्ल्यू अस्पताल भेज दिया गया।
बाई गंगाबाई अस्पताल के शिशु वार्ड में उपचार हेतु भर्ती इस नवजात को डॉक्टरों ने स्वस्थ बताया है।
डुग्गीपार पुलिस ने लावारिस अवस्था में नवजात शिशु (लड़का) को छोड़कर फरार हुई अज्ञात महिला के विरुद्ध फरियादी मुन्नालाल धनलाल पंचभाई (43 ,राका/पलसगांव) के शिकायत पर अप क्रमांक 243/22 के भादंवि 315 , 317 का जुर्म 2 नवंबर को दर्ज किया है , प्रकरण की जांच प्रभारी अधिकारी सचिन वांगड़े के मार्गदर्शन में पुलिस उपनिरीक्षक आकाश सरोदे कर रहे हैं।
पुलिस की मानें तो संभवत आरोपी महिला की शादी नहीं हुई होगी।
प्रेम प्रसंग में वह गर्भवती हो गई होगी तथा लोकलाज के डर से उसने नवजात शिशु के जन्म के तुरंत पश्चात उसे स्कूल के शौचालय के टॉयलेट शीट में लावारिस छोड़ दिया।
बहरहाल पुलिस आसपास के गांवों व इलाके में स्थित नर्सिंग होम से भी जानकारी इकठ्ठा कर रही है।
गौरतलब है कि अगर समय रहते लोगों की टॉयलेट की ओर नजर नहीं पड़ती तो ठंड के मौसम में बिना कपड़ों के नवजात शिशु का बचना मुश्किल था लेकिन वह कहते हैं ना जाको राखे साइयां मार सके ना कोय…
जिन्होंने सजगता दिखाई और नवजात को शौचालय के शीट से निकालकर अस्पताल पहुंचाया जिससे नवजात शिशु को नया जीवन मिला इसके लिए वे अभिनंदन के पात्र हैं।
रवि आर्य