नागपुर– मोहन नगर स्थित एसबीआई क्रेडिट को. ऑप सोसाइटी के संचालक मंडल द्वारा नागपुर समेत दूसरे जगहों के सैकड़ों सदस्य जमाकर्ताओ की जमा पूंजी मुद्दत समाप्त होने के बाद भी नहीं लौटाई गई है. ऐसा आरोप कई जमाकर्ताओ ने किया है.ऐसे जमाकर्ताओ की संख्या 500 से ज्यादा होकर लगभग 10 करोड़ रुपये की कुल रकम वापस नहीं करने की जानकारी सदस्यों की ओर से दी गई है.
जमाकर्ता डाॅ. प्रदीप येलने ने जानकारी देते हुए बताया की स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में कार्यरत सैकड़ो कर्मचारी उनके वेतन से कुछ रकम हर महीने एसबीआई एम्पाॅइज सोसायटी में जमा करते थे. रिटायरमेंट के बाद इस रकम का लाभ हो, जमा करने के पीछे यह कारण होता है. लेकिन पिछले कुछ वर्षो से सोसाइटी के संचालक मंडल ने केवल उनके मर्जी के सभासद जमाकर्ताओ के ही पैसे लौटाए है. फिलहाल जिनके पैसे नहीं दिए गए है, ऐसे सैकड़ो रिटायर्ड कर्मी मोहन नगर स्थित सोसाइटी के चक्कर लगा रहे है. सोसाइटी के अध्यक्ष और सचिव से मिलकर पैसे देने का निवेदन भी कर रहे है. लेकिन संस्था के वर्तमान संचालक विभिन्न कारण बताकर इन्हे वापस भेज देते है. पैसे जल्द ही लौटाने का आश्वासन इन्हे कई महीनों से दिया जा रहा है.
एसबीआई एम्पलाॅईज सोसायटी के अध्यक्ष से कुछ सभासद जमाकर्ताओ ने लिखित स्वरुप में रकम वापस मांगी है. लेकिन इसका कुछ भी लाभ नहीं होने की जानकारी जमाकर्ता आवेदक डाॅ. प्रदीप येलने ने दी है. उन्होंने ‘ नागपुर टुडे ‘ के सवांददाता से मुलाकात में सोसाइटी के कार्यप्रणाली और इसके अध्यक्ष पर सवाल खङे किए है. येलने का कहना है की वे सितम्बर 2019 को स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया चीफ एसोसिएट के पद से रिटायर हुए है. नौकरी के दौरान उन्होंने सोसाइटी में पैसे जमा किये थे. वे इसी सोसाइटी में एक समय पदाधिकारी भी थे. नियमानुसार उनके द्वारा जमा किए गए पैसे उन्हें समय रहते हुए लौटाने चाहिए थे. लेकिन संस्था की ओर से अब तक येलने को एक रूपया भी नहीं लौटाया गया है. येलने ने इस संस्था के अध्यक्ष मेश्राम को पत्र लिखकर पैसे लौटाने का निवेदन भी किया. लेकिन पिछले 7 महीनों से उन्हें और उनके जैसे कई जमाकर्ताओ के पैसे नहीं लौटाए गए है. यही स्थिति सोसाइटी के पूर्व पदाधिकारी मार्केंडेय लुळे और यशवंत आंबेकर की है. इनके पैसे वापस नहीं करने के कारण इनको आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
एसबीआई क्रेडिट को ऑप सोसाइटी का कार्यभार नियमों के अनुसार नहीं है, ऐसा रतन चांडक एंड कंपनी के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुधीर बाहेती ने 1/08/2018 ने जारी किए गए अपने रिपोर्ट में कहा है. सम्बंधित सोसाइटी के आर्थिक व्यवहार की शिकायत प्राप्त होने के बाद सहकार विभाग के (दिल्ली /पुणे ) के संबधित वरिष्ठ अधिकारी गौतम वालदे को सोसाइटी के आर्थिक व्यवहार की जांच करने के लिए भेजा गया था. वालदे ने जारी की गये जांच रिपोर्ट में एसबीआई क्रेडिट को. ऑप. सोसाइटी के संचालक मंडल का कार्यभार मनमानी स्वरुप का है, ऐसा अपनी रिपोर्ट में कहा था. इसकी कॉपी भी ‘ नागपुर टुडे ‘ के पास है. इतने सबूत होने के बावजूद भी सहकार विभाग ने एसबीआई क्रेडिट को. ऑप. सोसाइटी के अध्यक्ष और पदाधिकारी के विरोध में किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की है. येलने ने बताया की इस मामले में पैसे वापस मिले, इसको लेकर एसबीआई मैनेजमेंट को मध्यस्थिति करने का निवेदन भी किया गया था. लेकिन, जैसा होना चाहिए था, वैसा सहयोग नहीं मिलने की जानकारी भी उन्होंने दी है. ‘ नागपुर टुडे ‘ ने अन्य जमाकर्ताओ से भी बात की तो उन्होंने भी यही बताया की उनके पैसे संस्था की ओर से नहीं दिए जा रहे है. येलने का कहना है अध्यक्ष और अन्य लोगों की ओर से इस सोसाइटी को निजी फर्म जैसा चलाया जा रहा है.
इस मामले में ‘ नागपुर टुडे ‘ को जानकारी देते हुए संस्था के अध्यक्ष वज्रबोधि मेश्राम ने बताया की कंपनी घाटे में है और संस्था की ओर से उनके पैसे लौटाए जाएंगे. मेश्राम का कहना है की सोसाइटी के पूर्व पदाधिकारियों पर कोर्ट केसेस भी शुरू है.