Published On : Sun, Jan 8th, 2017

नगर पालिका चुनाव में हिंसा, भाजपा विधायक पर मामला दर्ज

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nagpur-election-volienceनागपुर: जिला मुख्यालय से साठ किलोमीटर दूर स्थित काटोल में आज हुए नगर पालिका चुनाव के दौरान साधारण बाचा-बाची से उपजे विवाद ने हिंसक मोड़ ले लिया। हालाँकि पुलिस ने मौके पर पहुँचकर स्थिति पर नियंत्रण कर लिया, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। पुलिस ने हिंसा फैलाने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी के काटोल के विधायक आशीष देशमुख पर मामला दर्ज कर लिया है।

काटोल में भाजपा, कांग्रेस, शेतकरी कामगार पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना के साथ भाजपा से नाराज चल रहे ठाकुर चरण सिंह ‘विदर्भ माझा’ के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं। विदर्भ माझा के चुनाव में उतरने से काटोल नगर परिषद का चुनाव बहुकोणीय और दिलचस्पी भरा हो गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को मतदान के दौरान दोपहर १२ बजे के आसपास विदर्भ माझा के संयोजक एवं उम्मीदवार ठाकुर चरण सिंह अपने चौपहिया वाहन से मतदान का जायजा ले रहे थे। बताया जाता है कि एक स्थान पर रूककर वह पानी पी रहे थे कि उसी समय विधायक आशीष देशमुख वहाँ अपनी दुपहिया से पहुँचे और चरण सिंह के वाहन को देखकर जोर-जोर से चिल्लाने लगे कि ‘किसने यहाँ गाड़ी खड़ी कर दी है? क्या कोई मतदाताओं को पैसे बाँट रहा है?’ इतना कहने के बाद विधायक देशमुख ने अपनी दुपहिया से चरण सिंह की चौपहिया को पीछे से इतनी जोरदार टक्कर मारी कि चौपहिया का पिछला कांच फूट गया। विधायक देशमुख का चिल्लाना और गाड़ी के कांच फूटने की आवाज सुनकर ठाकुर चरण सिंह वहाँ आए और फिर इसके बाद उनके बीच शाब्दिक झड़प होने लगी। इस बीच किसी ने चरण सिंह के ठेकेदार भाई राजू ठाकुर को सूचना दी, वह भी वहाँ पहुँचे और फिर शाब्दिक झड़प आरोप-प्रत्यारोप का रूप लेने लगी। इस बीच पिछले छह महीने तक काटोल नगर परिषद में सत्तासीन शेकाप नेता और पूर्व नगराध्यक्ष राहुल देशमुख भी वहाँ पहुँच गए और फिर तो जबानी जंग की बजाय हाथापायी होने लगी।

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इस बीच किसी ने पुलिस को सूचना दी तो पुलिस ने मौके पर पहुँचकर स्थिति पर नियंत्रण पाया। चरण सिंह के चौपहिए का पंचनामा किया। विधायक आशीष देशमुख पर अपराध दर्ज हुआ। सूत्रों से मालूम हुआ है कि निर्वाचन अधिकारी आचार संहिता के उल्लंघन का मामला भी दोनों पक्षों पर दर्ज कर सकते हैं। जिस स्थान पर विधायक देशमुख और ठाकुर चरण सिंह के बीच विवाद हुआ, वहाँ मतदान केंद्र भी नहीं है, फिर वहाँ ये नेतागण एक के पीछे एक क्यों गए थे? इसका रहस्य बना हुआ है।

ठाकुर चरण सिंह का वर्चस्व है काटोल नगर परिषद में

वर्ष 2011 तक काटोल नगर परिषद पर ठाकुर चरण सिंह के गुट की सत्ता थी। 2011 के चुनाव में राहुल देशमुख के नेतृत्व में शेकाप सत्तासीन हुई। लेकिन छह महीने पहले शेकाप के दस नगर सेवकों को अदालत ने अयोग्य घोषित कर दिया, जिससे नगर परिषद में सत्ता की चाबी फिर से चरण सिंह के पास पहुँच गई।

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