वरुड (अमरावती)। नापिकी, कर्ज के बोझ, खरिफ की बुआई के लिए आर्थिक अव्यवस्था के चलते तहसील के कुरली गांव निवासी 45 वर्षिय महिला किसान विजया देविदास कडू ने सोमवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जाता है कि महिला के नाम से 3 एकड़ जमीन थी. जिस पर वह खुद खेती करती थी लेकिन पिछले 3 वर्षों से हो रही अउपज, के कारण वह कर्ज के बोझ तले दबी थी. उस पर महाराष्ट्र बैंक का 5 हजार, अन्य एक बैंक का डेढ़ लाख व अन्य फाईनेन्स कंपनियों का 1 कुल 1 लाख रुपए का कर्ज था. कर्ज न चुका पाने व बुआई के लिए पास में पैसा न होने से वह परेशान थी. उस पर बैंक व अन्य फार्ईनेन्स कंपनिया कर्ज वसुली का तगादा लगा रही थी.
बेटा विकलांग
बताया जाता है कि विजया के 20 और 22 वर्ष के दो बेटे है जिनमें एक एक पूरी तरह विकलांग है. उसकी बिमारी की चिंता भी उसे खाए जा रही थी. पुलिस को आत्महत्या की सूचना मिलते ही घटना स्थल पर पंहुच कर पंचनामा किया. व लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. आगे की जांच थानेदार ठोसरे के मार्गदर्शन में जारी है.