Published On : Wed, Aug 14th, 2019

घाटे के कारण क्या वाकई एसएनडीएल छोड़ना चाहती है बिजली वितरण का काम ?

Advertisement

SNDL Nagpur

नागपुर: साल 2011 में शहर के तीन क्षेत्रों में बिजली सप्लाई करने का कार्य निजी कंपनी एसएनडीएल को दिया गया था. आज शहर के एक बड़े समाचार पत्र में छपी खबर के आधार पर यह जानकारी सामने आयी है कि बिजली सप्लाई सँभालने को लेकर एसएनडीएल ने अपने हाथ खड़े कर दिए है. मंगलवार को कंपनी ने आगे बिजली सप्लाई करने में असमर्थता जताई है.महावितरण के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव कुमार को लिखे पत्र में एसएनडीएल के व्यावसायिक प्रमुख सोनल खुराना ने कहा है कि एसएनडीएल ने महावितरण को अब तक भरपूर कमाकर दिया है. लेकिन वह खुद घाटे में है अब और ज्यादा घाटा सहन नहीं कर सकती. महावितरण को क्लेम देने के कारण भी कंपनी की स्थिति नाजुक है. मुख्य कंपनी एस्सेल ग्रुप की भी आर्थिक स्थिति वर्तमान में ठीक नहीं होने की वजह से एसएनडीएल आगे व्यवसाय करने के लिए असमर्थ है. इस पत्र की कॉपी महावितरण के निदेशक संचालन, प्रादेशिक निदेशक, कार्यकारी निदेशक,मुख्य अभियंता और ऊर्जामंत्री तथा महावितरण के नोडल अधिकारी को भी दी गई है. पत्र में कहा गया है कि महावितरण फ्रेन्चाइसी को वापस लेने और आर्थिक खातों को तथा एसएनडीएल के क्लेमों के समाधान के लिए एक पंच की नियुक्ति करे.

एसएनडीएल द्वारा दिए गए पत्र में यह भी कहा गया है कि एसएनडीएल ने अब तक महावितरण को करोडो रुपए कमाकर दिए है और अगले 7 वर्षो में करीब 4 हजार करोड़ और कमाकर दे सकती है.लेकिन महावितरण के रूखे रवैय्ये के चलते उसके क्लेमो का उचित निवारण नहीं हो सका है.

Gold Rate
Monday 31March 2025
Gold 24 KT 90,500 /-
Gold 22 KT 84,200 /-
Silver / Kg 101,500 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

क्लेम सेटल और 18 प्रतिशत ब्याज में छूट के लिए तो एसएनडीएल का यह चक्कर नहीं है ?

महावितरण का एसएनडीएल पर करोडो रुपए का बकाया था. इससे पहले भी कंपनी को नोटिस दिया गया था. अगर एसएनडीएल घाटे में है और नागरिको को और विधायकों को भी कंपनी से शिकायत है तो फिर भी सरकार कंपनी पर मेहरबान क्यों है. यह सवाल सबसे अहम् है. आज की छपी खबर में प्रमुखता से यह भी कहा गया है कि एसएनडीएल को करीब 150 करोड़ रुपए महावितरण को बिजली खरीद की देनगी देनी है. महावितरण बकाया के चलते एसएनडीएल को 3 बार टर्मिनेशन नोटिस भी दे चुकी है. इसके अलावा ठेकदारों का भुगतान भी बाकी है. ऐसे में ऐसा करके एसएनडीएल महावितरण से कुछ छूट की उम्मीद कर रही है. लेटर से ऐसा लगा रहा है की एसएनडीएल अपने बकाया क्लेमों की रकम महावितरण से चाहती है. इसके साथ ही बकाया बिलों पर लगाए जा रहे 18 प्रतिशत ब्याज में भी छूट चाहती है.

Advertisement
Advertisement