नागपुर: कुछ हफ्ते पहले तथाकथित आलिशान एम्प्रेस सिटी के निवासियों द्वारा ली गयी एक पत्र-परिषद में उन्होंने अपनी तकलीफों का बख़ान करते हुए बताया था कि, किस तरह न उन पिने का शुद्ध पानी मिल रहा है, ना इण्टरकॉम, ना सीसीटीवी और नहीं बच्चों के खेलने के लिए सुरक्षित जगह.
बिल्डर के खिलाफ निवासियों का सबसे बड़ा आरोप यह था कि, उन्हें फ्लैट्स का निर्माणकार्य प्रतिष्ठित शापूरजी पलोनजी द्वारा कराये जाने का वादा किया गया था. लेकिन असल में उन्हें बिना किसी देखरेख के बांधे हुए और आधे अधूरे फ्लैट्स ही मिले. जो की हाफीज़ कांट्रेक्टर द्वारा डिज़ाइन किये जाने वाले थे.
निर्माणकार्य का दर्जा घटिया होने के मसलन निवासियों ने सीढ़ियों का उदहारण दिया, जिनमे एकसमान जगह तक नहीं छोड़ी गयी है.
इसी मुद्दे पर जब हमारी पहली स्टोरी ‘Nagpurtoday.in’ में प्रकाशित हुयी. तब पहले तो हमें शापूरजी पलोनजी समूह की ओर से एक फ़ोन आया और बाद में एक इ-मेल. जिसमें लिखा था,
प्रिय सुनीता,
“हमारे इस संभाषण का कारण आपका नागपुर टुडे में प्रकाशित “जब सपनों का घर बने एक दुःस्वप्न, और बच्चों की खेल-कूद हो जाये दुशवार..!” यह लेख और उसपर शापूरजी पलोनजी समूह द्वारा निचे दिया गया एक वक्तव्य है.
हम दावा करते हैं कि, “इस टाउनशिप में हमारी भूमिका केवल मॉल और सॉफ्टवेयर पार्क के निर्माण तक ही सिमित थी, ना की सम्पूर्ण रूप से. जैसे के उक्त लेख में कहा गया है. जो भी शिकायतें उक्त लेख में उठायी गयी हैं, वो निवास-स्थल और टाउनशिप से संबंधित है जिससे हमारा कुछ लेना देना नहीं हैं. तो हमारी आपसे यही गुज़ारिश है की, आप अपने लेख में निर्देशित इस चूंक को सुधारें.
हस्ताक्षर – आरती
—मूल पत्र का हिंदी अनुवाद
तो मजेदार बात यह है कि, शापूरजी पलोनजी समूह ने केवल एम्प्रेस सिटी से सटे हुए एम्प्रेस मॉल एवं सॉफ्टवेयर पार्क का निर्माण किया है, नाकि निवास-स्थल या टाउनशिप का.
(यहाँ तक की ग्राहक भी सकते में थे कि, इस प्रोजेक्ट में एक बिल्डर, बिल्डिंग कांट्रेक्टर और एक आर्किटेक्ट का समावेश है, तो आखिर इस एम्प्रेस सिटी का निर्माण किया किसने है ?)
हम फिरसे फ्लैट-मालिकों के पास गए और उनसे पूछा कि, क्या आप के पास लिखित में कुछ है, जिसमे यह दर्ज है की, इस टाउनशिप के निर्माण का जिम्मा शापूरजी पलोनजी समूह के पास है ?
इस बात पर वो भी अचरज में थे, और उन्होंने कहा कि, “हमें तो ऐसा ही बताया गया था कि, इस टाउनशिप का निर्माण शापूरजी पलोनजी समूह करेगा. लेकिन हम फिर से एक बार अपने जानकारी पुस्तिका चेक करेंगे.”
और देखिये क्या हुआ, यह तो महद आश्चर्य था. जिहाँ, क्योंकि इस ब्रोशर में उक्त कंपनी का नाम बिल्डर कांट्रेक्टर के तौर पर साफ़ साफ़ लिखा था.
इस ब्रोशर में लिखित लफ्जों में कहें तो लिखा है कि,
“हाफीज़ कांट्रेक्टर द्वारा डिज़ाइन किया गया
और शापूरजी पलोनजी द्वारा निर्मित.”
तो अब सवाल यह उठता है कि, एम्प्रेस सिटी फ्लैट्स का निर्माता आखिर है कौन ?
सिर्फ फ्लैट्स ही नहीं, फ्लैट-मालिकों को पुरे साजोसामान का एक बिल ही थमाया गया था.
यही नहीं फ्लैट्स के साथ एक क्लब हाउस कि मेम्बरशिप और पार्किंग सुविधा के नाम पर हर एक फ्लैट मालिक को 4.72 लाख का चुना लगाया गया. इस तरह और भी कई सुविधाओं का उल्लेख किया गया था, जो कि सिर्फ कागज पर ही रह गयीं.
अगर आप एक नजर घुमाएंगे तो आपको कहीं पर इस क्लब हाउस का नामोनिशान नहीं दिखाई देगा.
एक विख्यात समालोचक के अंदाज में कहें तो, ” नागपुर सचमुच जानना चाहता है; पुरे नागपुर को जवाब चाहिए कि, “आखिर कौन है इस एम्प्रेस सिटी का निर्माता ? या फिर यह सिटी अपने आप ही खड़ी हो गई ?”