नागपुर: खरीफ सीजन में सोयाबीन की फसल का रकबा बढ़ने की संभावना को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने अपील की है कि किसान सोयाबीन का बीज खरीदते समय अंकुरण क्षमता को ध्यान में रखते हुए बीज खरीदें। बोने से पहले बीजों की अंकुरण क्षमता बढ़ाने के लिए जांच कर लेनी चाहिए। कागज लें और इसे चार बार फेंटें। इससे कागज की मोटाई बढ़ेगी।
फिर कागज को पानी से गीला कर लें और प्रत्येक में 10 बीज लें और अंकुरण क्षमता की जांच करें। इस प्रकार 100 बीजों वाले 10 पॉलीथिन की थैलियों को चार दिन तक लपेटकर रखना चाहिए। चार दिन बाद इन्हें धीरे-धीरे खोलकर अंकुरित बीजों को गिन लें। यदि अंकुरित बीजों की संख्या 80 हो तो अंकुरण क्षमता 80 प्रतिशत मानी जानी चाहिए।
इस बारे में कृषि विभाग की पहल पर विशेष अपील जारी की गई है। 200 से 250 ग्राम राइजोबियम एवं पीएसबी प्रति 10 से 15 किग्रा बीज को वास्तविक बुआई से 3 घंटे पूर्व उपचारित कर उपचारित बीजों को छाया में सुखा लेना चाहिए। फफूंद जनित रोगों से बचाव के लिए बुवाई से पहले प्रत्येक बीज के लिए 3 ग्राम थीरम बीज उपचारित करना चाहिए। बीजों को 3 से 4 सेंटीमीटर की गहराई तक बोना चाहिए।
सोयाबीन के बीजों को बोने से पूर्व 70 किग्रा प्रति हेक्टेयर से 50 से 55 किग्रा तक लाने के लिए बोने की मशीन की सहायता से टोकन विधि या ब्रॉड वरम्बा साड़ी विधि (बीबीएफ) मशीन से भी बोना चाहिए। बीज विक्रेता से बीज खरीदते समय रसीद अवश्य प्राप्त करें। बीज उत्पादक कंपनी का पूरा नाम, किस्म, रसीद पर लॉट नंबर का विवरण होना अत्यंत आवश्यक हैं। जिला कृषि अधीक्षक ने फसल कटने तक बीज की थैली व लेबल, क्रय रसीद अपने पास रखने की अपील की है।