Published On : Wed, Dec 4th, 2019

किसने की सुप्रीम कोर्ट की गाईडलाईन की अवेलहना? मीडिया या पुलिस

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नागपुर: क्या आपको दिल्ली में घटित हुई 2012 में दर्दनाक घटना के बारे पता है ? क्या आप उस दुष्कर्म की पीड़िता मृतक निर्भया का असली नाम जानते है ? क्या आपने कभी उसकी असली तस्वीर को देखा है ? नहीं ना ? लेकिन हैदराबाद में हुई वेटरनरी की महिला डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद देश के मीडिया ने, सोशल मीडिया ने और सामाजिक संघटनाओ ने जिस तरह से नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मृतक पीड़िता का नाम और फोटो भी सार्वजनिक कर दी। जिसके कारण अब मीडिया और सोशल मीडिया पर भी सवाल उठने लगे है।

घटना के बाद पुरे देश में जिस तरह से इस मामले को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है, यह देश के नागरिकों का गुस्सा जायज है। लेकिन उस पीड़िता मृतक डॉक्टर की मौत के बाद भी उसका नाम और फोटो जो सार्वजनिक किया जा चूका है। इसके बारे कोई भी मीडिया वाले नहीं सोच रहे है। जिस रोज यह घटना हुई उसी दिन से मीडिया में उसकी फोटो और नाम आने लग गया था। क्योंकि पुलिस दिशानिर्देश के अनुसार प्रेस नोट में भी पीड़िता के नाम का खुलासा नहीं कर सकते।

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इसका मतलब पुलिस ने खुलासा नहीं किया इसका खुलासा करनेवाले मीडिया वाले ही थे। खबरों के अनुसार जिस बिल्डिंग में पीड़िता रहती थी, वहां के नागरिकों ने गेट बंद करके वहां पर तख्ती टांग दी थी की मीडियावाले और पॉलिटिशियन यहां न आए उन्हें केवल इन्साफ चाहिए। इसके बाद भी लगातार बड़े बड़े मीडिया चैनल टीआरपी के लिए उसके परिजनों को इंटरव्यू के नाम पर उन्हें परेशान कर रहे है और उसके दुखी परिजनों का इंटरव्यू ले रहे है।

शहर में भी फोटो के साथ हुए प्रदर्शन
इस निंदनीय और क्रूर घटना के बाद देश के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे है। सड़क से लेकर संसद तक यह मुद्दा गूंज रहा है। नागपुर शहर में भी कई सामाजिक संघटनो की ओर से प्रदर्शन किए गए और अभी भी चल रहे है। लेकिन इसमें सीधे सीधे पीड़िता के असली नाम के साथ और फोटो के साथ यह प्रदर्शन किया जा रहा है। जो सरासर नियमों के खिलाफ है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन है। बावजूद इसके पुलिस की ओर से किसी भी तरह की कोई भी हिदायत इस मामले में संघटनो को नहीं दी गई है।

दुष्कर्म पीड़िता के नाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जीवित या मृत किसी भी दुष्कर्म पीड़िता व यौन शोषण की शिकार की पहचान उजागर करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा है। मीडिया, पुलिस या अन्य किसी के द्वारा दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जा सकती। अगर किसी बच्ची से दुष्कर्म हुआ है और एफआईआर पाक्सो एक्ट में दर्ज हुई है तो ऐसी किसी भी एफआईआर को जांच एजेंसी द्वारा पब्लिक डोमेन में न लाया जाए। महिलाओं से दुष्कर्म संबंधी मामलों की भी एफआईआर को पुलिस सार्वजनिक नहीं करेगी। ऐसी किसी भी एफआईआर या तथ्यों को अदालत के समक्ष पेश करना हो तो पुलिस या तो पीड़िता की पहचान छिपाएगी या फिर सीलबंद लिफाफे में अदालत के समक्ष पेश करेगी। बावजूद इन नियमों का उल्लंघन हुआ है।

‘ नागपुर टुडे ‘ की नागरिकों से अपील
‘ नागपुर टुडे ‘ की ओर से शहर के नागरिकों से अपील की जा रही है कि आपका इस निंदनीय और क्रूर घटना के प्रति और आरोपियों को लेकर गुस्सा वाजिब है. लेकिन पीड़िता के फोटो और नाम का इस्तेमाल आप सोशल मीडिया, और प्रदर्शन में न करे. मृतक पीड़िता की फोटो और नाम सार्वजानिक करने से सबसे ज्यादा उसके परिजन ही दुखी होंगे। इसलिए ऐसा न करे और न ही दुसरो को करने दे। इसका ध्यान रखे।

By Ravikant Kamble

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