– नागनदी से 15 मीटर की दूरी पर निर्माण किया जाना चाहिए था लेकिन नियम को दरकिनार कर तथाकथित ट्रांसपोर्ट प्लाजा की सुरक्षा दीवार खड़ी की गई
नागपुर – नागनदी की सुरक्षा दीवार पर 50 करोड़ रुपये की बाजार कीमत होने के बावजूद 25 करोड़ 61 लाख रूपए का दर्शाकर जगनाडे चौक में निर्माण किया गया ‘ट्रांसपोर्ट प्लाजा’ को कौन संरक्षण दे रहा हैं ?
इस ट्रांसपोर्ट प्लाजा को तत्कालीन भाजपा के पदाधिकारी व पूर्व नासुप्र विश्वस्त ने बनवाया है. बाद में उसने अपने पक्ष भाजपा से एमएलसी चुनाव में बगावत करते हुए कांग्रेस में शामिल हो गया। हालांकि दोनों सरकारों ने इस प्लाजा के निर्माणकार्य को सिरे से नज़रअंदाज अबतक करते आ रहे हैं।इसके खिलाफ में विधायक कृष्णा खोपड़े शुरू से विरोध दर्शा रहे हैं. चूँकि यह प्लाजा पूर्व नागपुर विधायक कृष्णा खोपड़े के निर्वाचन क्षेत्र में निर्मित किया गया। उन्होंने इसका विरोध करते हुए अधिवेशन में भी मुद्दा उठाया था.वह बार-बार मनपा और नासुप्र में शिकायत दर्ज करवाते रहे हैं लेकिन आज तक कोई दखल नहीं दी गई.
उक्त ट्रांसपोर्ट प्लाजा के लिए टेंडर तब निकाला गया था जब उक्त भाजपा पदाधिकारी नासुप्र के विश्वस्त थे.उन्होंने शहर के सबसे विवादित ठेकेदार कंपनी के कागजातों को प्रस्तुत इसका निर्माणकार्य खुद किया था। जिसे ट्रांसपोर्ट प्लाजा के नाम से प्रचारित कर कमर्शियल काम्प्लेक्स बना दिया गया। इस काम्प्लेक्स में होटल,क्लब, मैरिज हॉल की व्यवस्था हैं। यह एक बड़ा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल है। काम्प्लेक्स का बाहरी भाग का व्यावसायीकरण किया गया हैं। उसके लिए प्लाजा का नक्शा ही बदल दिया गया।
याद रहे कि प्लाजा का मुख्य उद्देश्य बड़ी बसों के लिए पार्किंग था। जिसे सिरे सर गायब ही कर दिया गया। प्लाजा के पीछे निजी ट्रांसपोर्ट पार्किंग की व्यवस्था की गई है। प्लाजा के लिए प्रदान किया गया 9300 वर्ग मीटर स्थान परिवहन के लिए आरक्षित था। लेकिन मॉल बिना किसी की अनुमति के बनाया गया था। अगर यह जमीन नीलामी के जरिए बेची जाती तो नासुप्र प्रशासन को 50 करोड़ रुपये की आय होती लेकिन इसकी बाजार कीमत 25 करोड़ 61 लाख दर्शाई गई।
उल्लेखनीय यह है कि नागनदी से 15 मीटर की दूरी पर निर्माण किया जाना चाहिए था लेकिन नियम को दरकिनार कर तथाकथित ट्रांसपोर्ट प्लाजा की सुरक्षा दीवार खड़ी की गई,जिसका विरोध शुरू से ही विधायक कृष्णा खोपड़े कर रहे हैं.