Published On : Tue, May 23rd, 2017

कांग्रेस कोटे से आखिर किशोर जिचकर ही क्यों ?

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Kishor Jichkar
नागपुर:
गत सप्ताह नागपुर शहर कांग्रेस में अस्तित्व को लेकर स्थानीय नेताओं में घमासान देखते ही बनता था. कांग्रेसी नगरसेवकों के मध्य दो मुद्दे को लेकर खींचातानी हो रही थी, एक मनपा में पक्षनेता पद एवं दूसरा कांग्रेस कोटे से मनोनीत नगरसेवक बनने का मामला.

लगभग सप्ताह भर पूर्व मनपा में पक्ष नेता संजय महाकालकर को उनके आका ने बनाया गया था. ताकि आका के मनमाफिक मनोनीत नगरसेवक नियुक्त किया जा सके व मनपा की राजनीत में सक्रीय रह सके. महाकालकर की खिलाफत कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारी प्रफुल्ल ने की. लेकिन दाल नहीं गल पाई. गत सप्ताह प्रदेश अध्यक्ष ने प्रफूल से कहा कि आंकड़े जुटा कर पक्ष नेता बन जाओ, लेकिन प्रफूल नहीं राजी हुआ. प्रफ्फुल की मांग थी कि पक्षनेता बनाना है तो यह नौटंकी करवाने के बजाय सीधी नियुक्ति दी जाये. इसके लिए प्रदेशाध्यक्ष राजी नहीं हुए, प्रदेशाध्यक्ष के फॉर्मूले के हिसाब से तानाजी वनवे का नाम सामने आने से प्रफूल भी पीछे हट गया व् उन्हें समर्थन तक दे डाला, इसलिए कि प्रफ्फुल को विकास नहीं चाहिए था. इसके बाद तय नौटंकी याने आंकड़ों के खेल के हिसाब से सत्तापक्ष के नेताओं की शह पर तानाजी वनवे आनन-फानन में प्रशासन ने पक्षनेता बना दिया.

इसी दौरान कांग्रेस कोटे से मनोनीत नगरसेवक बनने के लिए भी बड़ी व बारीकी चल चली जा रही थी.एक तरफ विकास खुद के लिए जुगत लगा रहे थे तो दूसरी तरफ प्रफ्फुल-परिणय-नरु उसके खिलाफ अन्य किसी अपने को नगरसेवक बनाने के लिए सक्रीय हो चुके थे. इन तिकड़ी को नितिन-नितिन-सुनील-सतीश साथ दे रहे थे. इन सभी सातों को विकास से कोई लगाव नहीं था. वही दूसरी ओर मनोनीत नगरसेवक बनने के लिए अनीस अपने करीबी व्यापारी अतुल को बनाने के लिए भी सक्रीय थे.

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उक्त तिकड़ी ने निर्णय लिया कि नरु को मनोनीत नगरसेवक बनाया जाये, लेकिन वक़्त कम होने से उसके पास जरूरतानुसार कागजात नहीं थे तो साथ ही मनपा का विवादस्पद कांट्रेक्टर होने का मामला उनके आडा आ गया. ऐसे में निर्णय लिया गया कि नरु के भाई व पूर्व नगरसेवक किशोर जिचकर को मनोनीत नगरसेवक बनाने की कोशिश की जाये, किशोर के पास जरूरतानुसार सभी कागजात तैयार था. इसलिए एक अन्य चाल के तहत नामांकन भरने के आधे घंटे पूर्व उनका आवेदन जमा करवाया गया,उक्त घटनाक्रम से अनजान अनीस गुट का अतुल तय अंतिम समय के १५ मिनट पूर्व जब नामांकन भरने के लिए पहुंचा तो उन्हें जानकारी दी गई कि कांग्रेस गुट से जिचकर का नामांकन भरा जा चूका है, इस तरह उक्त तिकड़ी ने अनीस गुट के साथ बड़ा घोखा किया.

नामांकन भरने के अंतिम दिन कांग्रेस के पूर्व पक्षनेता महाकालकर के नेतृत्व में लगभग आधा दर्जन नगरसेवक के साथ विकास ने मनोनीत नगरसेवक के लिए नामांकन जमा किये.

इसके बाद सत्तापक्ष के शह पर विभागीय आयुक्तालय के मनपा प्रशासन ने तानाजी वनवे के पक्षनेता बनाये जाने सम्बन्धी पत्र सौंपा और वनवे ने इससे पहले की कोई धोखा न हो जाये आनन्-फानन में पदग्रहण भी कर लिया.

अब देखना यह है कि सत्तापक्ष व प्रशासन कांग्रेस की ओर से भरे गए दो आवेदनों में से किस आवेदन को तहरिज देता है.अगर जिचकर मनोनीत नगरसेवक चुना गया तो इसके बाद कांग्रेस में बड़ी भूचाल की संभावना जताई जा रही है. वैसे आज महाकालकर अपने साथ हुए धोखाधड़ी मामले में न्याय हेतु न्यायलय की शरण में जाने की चर्चा है.

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