Published On : Tue, Feb 13th, 2018

गडकरी-फडणवीस तय करेंगे अगला स्थाई समिति सभापति

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Fadanvis

नागपुर: महाराष्ट्र महानगर पालिका अधिनियम के प्रावधानों के तहत आगामी 20 फरवरी को स्थाई समिति सदस्यों का चयन किया जाएगा। समिति के सभापति बनने के लिए इच्छुक अपने-अपने आकाओं के मार्फ़त जुगत लगाना शुरू कर दिया है. यह भी कड़वा सत्य है कि समिति सभापति के मामले में चुनावी समीक्षाओं के आधार पर भाजपा नेता द्वय नितिन गडकरी व देवेंद्र फडणवीस ही लेते हैं.

अगले वर्ष लोकसभा फिर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इन चुनावों को ध्यान में रख अगले स्थाई समिति सभापति का चयन किया जाएगा। जब उक्त चुनावों के मद्देनज़र कोई सक्षम नज़र नहीं आया तो वर्त्तमान सभापति संदीप जाधव को दूसरा मौका दिया जा सकता हैं.जाधव के सन्दर्भ में यह भी चर्चा है कि भाजपा के उक्त दोनों नेताओं में मंत्रणा के उत्तर नागपुर से उन्हें बतौर भाजपा उम्मीदवार भी बनाया जा सकता हैं. ऐसे में दोबारा स्थाई समिति सभापति बनाने पर विचार नहीं किया जा सकता हैं. वर्तमान में महापौर और सत्तापक्ष नेता दक्षिण-पश्चिम विस क्षेत्र और स्थाई समिति सभापति पश्चिम नागपुर से हैं. संभवतः अगला महापौर और स्थाई समिति सभापति मध्य,पूर्व,उत्तर या दक्षिण से होगा।

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भाजपा रणनीत के अनुसार वर्तमान महापौर का 15 माह का कार्यकाल ख़त्म होने पर ओबीसी महिला नगरसेविकाओं में से दिव्या धुरडे, चेतना टांक में से किसी एक का नंबर लग सकता है. वहीं दूसरी ओर स्थाई समिति सभापति के लिए उत्तर से विक्की कुकरेजा, मध्य नागपुर से किसी हलबा नगरसेवक प्रवीण भिसिकर या अन्य कोई, पूर्व से प्रदीप पोहाने, चेतना टांक, दक्षिण से सतीश होले, पिंटू झलके की दावेदारी चर्चा में है. दिव्या धुरडे व चेतना टांक दोनों को अब तक कोई बड़ा पद नहीं मिला है. धुरडे के लिए पूर्व महापौर सक्रीय है तो टांक के राजनीतिक भविष्य का निर्णय खुद गडकरी व फडणवीस ही लेंगे। यह और बात है कि पूर्व से उभरने वाले जितने भी नगरसेवक स्वयंबल पर जाने जाने लगे उनका पूर्व नागपुर के भाजपाई विधायक ने पूर्ण विरोध करना शुरू किया। भाजपा सतीश होले को पिछले कार्यकाल में उपमहापौर बना चुकी है. रही बात विक्की कुकरेजा की तो वह अग्निशन विभाग की समिति के उपसभापति और मनपा में भाजपा पक्ष के उपनेता है. पेशे से भवन निर्माता होने के कारण इन्होंने अग्निशमन विभाग से सम्बंधित समिति के उपसभापति रहते हुए काफी लाभ उठाया। कई खुद के अन्य करीबियों के इमारतों की एनओसी प्राप्त करने में पद का दुरूपयोग करने की चर्चा अग्निशमन विभाग में इन दिनों काफी चुस्की लेकर की जा रही है, वैसे अग्निशमन विभाग से सम्बंधित समिति में कोई बिल्डर की नियुक्ति होनी ही नहीं चाहिए।

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