नागपुर: एलईडी स्ट्रीट लाइट परियोजना के लिए मनपा द्वारा बुलाई गई निविदा और अपनाई गई प्रक्रिया पर विप्रो कम्पनी की ओर से गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं। आरोप लगाए गए हैं कि निविदा पारर्दशी और न्याय संगत ढंग से नहीं की गई है। इसमें जानबूझकर कम्पनी को निविदा की रेस से तत्थहीन तकनीकी कमियां गिनाकर दूर रखा गया है। लिहाजा कम्पनी इस निविदा प्रक्रिया को दोबारा करने की मांग कर रही है।
विप्रो द्वारा जानकारी देते हुए कहा गया है कि निविदा के लिए विभाग के कार्यकारी अभियंता की ओर से जानकारी दी गई कि विप्रो द्वारा भरी गई निविदा तकनीकी कारणों को लेकर अस्विकार की गई है। विप्रो की ओर से कहा गया है कि निविदा के लिए जरूरी सारे तकनीकी और व्यवसायी कागजात लगाने के बाद भी उनका प्रस्ताव ठुकराया गया। जबकि यह निविदा फिलिप्स कम्पनी के नाम की गई है। कम्पनी की ओर से यह भी कहा गया है कि उन्होंने अपने स्रोतों से फिलिप्स कम्पनी को दी गई निविदा की जानकारी जुटाने पर इस बात का खुलासा हुआ कि फिलिप्स के आवेदन में भी कई तकनीकी खामियां थी।
जिसमें कई तकनीकी बारीकियों को नजर अंदाज किया गया है। आरोप लगाया गया है कि निविदा भरे जाते समय मनपा की ओर से विप्रो के टेंडर को तकनीकी रूप से मान्य भी किया गया था। फिर भी ऐन निविदा के पहले तकनीकी कारणों का हवाला देकर उन्हें निविदा की रेस से हटा दिया गया। इन सारी स्थितियों को देखते हुए मनपा से कम्पनी की ओर से मांग की गई है कि फिलहाल मनपा को अपनी निविदा को रद्द कर इस पर रोक लगानी चाहिए।