सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं रखा ख्याल
नागपूर. कोरोना संकट को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के बीच शुक्रवार को महिलाएं वट सावित्री की पूजा करने पहुंची। इसी दौरान महिलाओं ने न तो मास्क पहना और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा। कई जगहों पर सैकड़ों की संख्या में महिलाएं इकट्ठा हुई।
प्रशासन ने भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। बता दें कि सरकार ने कोरोना संकट की वजह से अभी एक स्थान पर कई लोगों को जुटने पर रोक लगाई है। इसके बावजूद महिलाओं ने आदेश पर कोई ध्यान नहीं दिया और कई जगहों पर खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई।
इसके उलट कई घरों में महिलाओं ने बरगद के पत्ते के साथ पूजा की। महिलाओं का कहना है कि हम सरकार के आदेश और लॉकडाउन की वजह से पूजा करने बाहर नहीं जा सके। इसलिए बरगद के पत्ते से घर में ही पूजा किया।
क्यों होती है वट सावित्री की पूजा?
अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए यह व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या को रखा जाता है। कई जगह इस व्रत को ज्येष्ठ पूर्णिमा को रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन माता सावित्री ने अपने दृढ़ संकल्प द्वारा यमराज से अपने मृत पति सत्यवान के प्राण ले आए थे। इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं।