नागपुर: ठेके पर काम करनेवाले तकरीबन 35 हजार कामगार स्थायी भर्ती की मांह कर रहे हैं। महाजेनको, महापेरेशन व महावितरण में तकरीबन 35 हजार ठेके पर काम करनेवाले कर्मचारी हैं। लेकिन तीनों कम्पनियां 55 हजार करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी हुई है। ऐसे वित्तीय स्थिति में कम्पनी इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारी कैसे रखेगी। इसका हल निकालने बैठक बुलाई गई है। यह बात पालकमंत्री व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को पत्रपरिषद के दौरान कही। उन्होंने बताया कि ये कई सालों से ठेका पध्दति पर ही काम कर रहे हैं। ठेका कामगार अब स्थायी नौकरी की मांग कर रहे हैं। महाजेनको के प्रकाशगढ़ में एक बैठक कामगार नेताओं के साथ बुधवार को बुलाई गई है। इस बैठक में समस्या का हल निकालने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि ठेका कामगारों की मांगों की राह में कम्पनी के मूल कर्मचारियों के िलए लाया जानेवाला पुनर्वेतन निर्धारण डिमांड और कुछ कर्मचारियों द्वारा पेंशन स्कीम की मांग रोड़ा साबित हो रहा है। यह बड़ा खर्च का बोझ है। फिर भी बिजली के दाम भी बढ़ाना मुश्किल है। किसानों के ऊपर 14 हजार करोड़ रुपए की वसूली बाकी है। बिजली रोज बनानी पड़ती है इसलिए कर्ज का बोझ कम होने की गति धीमी है। बावनकुले ने कहा कि ठेका कामगारों को आधार कार्ड व बैंक खातों के माध्यम से पेमेंट दिया जा रहा है। लेकिन इन कामगारों की ओर से उन्हें स्थाई करने की मांग की जा रही है। इसके लिए भूख हड़ाताल से लेकर धरना प्रदर्शन तक किए गए हैं। इसके िलए एक अध्ययन समिति भी गठित की गई थी। जिसकी रिपोर्ट सकारात्मक नहीं दी है।
Published On :
Tue, Dec 20th, 2016
By Nagpur Today
ठेकेदार कामगारों की मांग कर्ज में डूबी कम्पनी कैसे पूरी करे
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