पिंप्रीबुटी में महिला किसान की आत्महत्या का मामला
प्रदेशाध्यक्ष चव्हाण, विस के विरोधी पक्ष नेता राधाविखे पाटील करेंगे
राज्यव्यापी आंदोलन की शुरुवात
यवतमाल। जिस गाव में राज्य के सीएम देवेंद्र फडणवीस रुके थे, वहां पीडि़त परीवार की विधवा किसान शांता प्रल्हाद ताजने को खेती की बुआई करने के लिए आवश्यक सहायता करने का आश्वासन दिया था, मगर आश्वासन के 100 दिन बाद भी उस पर अमल नहीं होने से इस विधवा ने कुए में कुदकर आत्महत्या कर ली. इस मामले में राज्य के सीएम पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग माणिकराव ठाकरे ने की है.
उन्होंने कहा कि, इसी गाव से कांग्रेस किसान कर्जमुक्ति का राज्यव्यापी आंदोलन का बिगुल फूकेंगी. जिसमें राज्य के प्रदेशध्यक्ष सांसद अशोक चव्हाण, राज्य के विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता राधाकृष्ण विखे पाटील समेत कांग्रेस के जेष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे. ऐसी जानकारी संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने दी. आज उन्होंने पिंप्रीबुटी गाव जाकर वहां का हाल जाना, किसानों से मिले तो सीएम ने गाव की मट्टीपलीत कर दी है, ऐसी संतप्त प्रतिक्रिया किसानों ने व्यक्त की. इतना ही नहीं तो जिस विष्णु ढुमणे किसान के यहां रातभर मुकाम किया था. उसने बताया कि, जब से सीएम का दौरा हुआ तब से कोई नहीं आया और नाहीं कोई सहायता मिली. इसी विष्णु की विवाहिता लड़की वीणा अरविंद खेरड़कार को वाल्व की बिमारी है. जिसके इलाज के लिए भी सीएम ने आश्वासन दिया था, मगर कुछ नहीं किया. कुलमिलाकर राज्य सरकार और राज्य प्रशासन निष्क्रिय है.
मिठे वादे तो करते है, मगर उस पर कोई अमल नहीं करते. इसी गाव के संजय भोंडे किसान ने आत्महत्या की थी, उसकी पत्नी जयश्री से भी 3 मार्च 2015 को पिंप्रीबुटी में सीएम मिले थे. उस समय उन्होंने उसने कहा था कि, 7/12 में उसका नाम तो है मगर उसे सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिलता. इसलिए फसल कर्ज दिलाए, मगर आजतक उसे एक फूटी कवड़ी नहीं मिल पाई है. जिससे किसानों का अपेक्षा भंग हुआ है. उसी लिए आत्महत्या हों रही है. माणिकराव ने आरोप लगाया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं सीएम फडणवीस जनता को गुमराह कर रहें है. जिससे जनता के अच्छे दिन के बजाए बुरे दिन शुरू हो गए है. हालही में सीएम ने राज्यस्तर पर कृषिमूल्य आयोग गठित करने का आश्वासन दिया मगर वे जो एमएसपी (मिनीमम सपोर्ट प्राईज) तय करेंगे. उस पर राज्य सरकार अनाज खरीदीं क्या? इसका जवाब पहले दे. 1700 जनसंख्यावाले इस पिंप्रीबुटी गाव में अभीतक 8 किसान आत्महत्या कर चुके है. शांता के पति प्रल्हाद ने भी 2011 में जहर पिकर आत्महत्या की थी. जिसमें 1 लाख की सहायता मिली थी. उसमें के 30 हजार रुपए नगद और 70 हजार राष्ट्रीयकृत बैंक में निवेश किए गए थे. वह राशि भी बुआई के लिए नहीं मिल पाने से शांता ने आत्महत्या की है.
सीएम ने पिंप्रीबुटी गाव में दिए आश्वासन पर अमल करने के लिए किसी अधिकारी को नहीं कहा था, जिससे कोई सहायता नहीं मिली और निराश विधवा किसान से आत्महत्या की है, जिससे सीएम पर हत्या का मामला दर्ज करें, ऐसी मांग की है. पूरा राज्य प्रशासन निष्क्रिय है. 15 जुन तक राज्य के किसानों को फसल कर्ज देने की डेडलाईन है. मगर अभी तक किसी किसानों को फसल कर्ज नहीं मिला. जिससे यह सरकार किसान विरोधी है, ऐसा आरोप भी माणिकराव ने किया. इस संवाददाता सम्मेलन में पूर्व जिप अध्यक्ष राहुल ठाकरे, जिप उपाध्यक्ष
अनिल मांगुलकर, सदस्य देवानंद पवार आदि उपस्थित थे.