परस्पर विरोधी आदेशों के कारण जनता में संभ्रण
जिलाधिकारी बड़ा की उपविभागीय अधिकारी ?
यवतमाल। जिले के प्रमुख अधिकारी सचिंद्र प्रताप सिंह ने करीब एक माह पहले अपना पद संभाला और पद संभालते ही वणी तहसील का दौरा किया. और विश्वास दिलाया की इस परिसर में किसी भी प्रकार का गैरकानूनी काम नहीं किया जायेगा. अगर कोई गैरकानूनी काम हो तो इसकी जानकारी उनके कार्यालय में देने की बात कही. वही अवैध व्यवसाय करने पर कड़े कदम उठाये जायेगे ऐसा जनता को विश्वास दिलाया.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वणी तहसील के गणेशपुर में सर्वे क्र. 2 में ठावरी बहुद्देशीय शैक्षणिक सामाजिक संस्था ने शासन के बगैर अनुमति से स्कूल का निर्माण कार्य कर राष्ट्रीय स्कूल ऑफ़ कॉलर के नाम से शुरू की. साथ ही संस्था चालक से ज़ोरज़बरदस्ती कर सर्वे क्र. 3 के खेत से स्कूल में जाने का रास्ता बनाया. उपविभागीय अधिकारी ने घटनास्थल का दौरा न करते हुए शिकायतकर्ता को खेत में लगे फेन्सिंग तार कम्पाउंड को 24 घंटे के अंदर हटाने के आदेश दिए गए. गुनाहगार को सजा मिलने के बजाय बेगुनाह को ही सजा सुनाई गई. नया अधिकारी केवल दिखावे के लिए बाते करता है और जब अपराधी को न्याय देने की बात आती है, तब शिकायतकर्ता को ही कटघरे में लाकर खड़ा कर देता है. ऐसी चर्चा जनता में शुरू है.
जनता में इस बात को लेकर भी असंतुष्टि है कि सरकार सिर्फ भ्रष्टाचार को ख़त्म करने की बड़ी-बड़ी बाते करती है. अधिकारी केवल अपनी जेबें भरना जानते है. लेकिन वास्तव में बेगुनाह लोगो को ही दोषी बनाकर न्यायलय के कटघरे में लाया जाता है.