जनस्वास्थ खतरे में
जिलाधिकारी के आदेशों का उल्ल्ंघन
पुसद (यवतमाल)। शहर में सर्वत्र अस्वच्छता और गंदगी का साम्राज्य है. जगह-जगह सड़ागला कचरा पड़ा होने से दिन-ब-दिन मच्छरों की पैदाश बढ़ते ही जा रही है. परिणाम स्वरूप इसका असर नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड रहा है. शहर के बीच से बहने वाला नाला करीब 6 माह से साफ ही नही किया गया. ऐसा होते हुए भी न.प. प्रशासन अनदेखी करता नजर आ रहा है. जिससे नगर वासियों का स्वास्थ खतरे में पड़ गया है. मलेरिया, डायरिया आदि संक्रामक बिमारियों पर रोक अंकुश लगाने के लिए विभिन्न प्रकार की मोहीम चलाई जाती थी. पर मानसून के चलते इन बिमारियों का प्रसार हो रहा है. इसके बाउजूद भी किसी भी प्रकार की उपाय योजना नही चलाई जा रही.
बारिश के मौसम में ये बिमारियां तेज असर करती है. लेकिन स्वास्थ विभाग और न.प. जनस्वास्थ को लेकर किसी भी तरह से गंभीर नही दिखाई दे रही है. जगह-जगह कचरे के ढेर लगे है. जिससे उठती बदबू से लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. एक ओर सरकार स्वच्छ भारत अभियान चला रही है. वही दूसरी ओर गंदगी के चलते पुसद में जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड होता दिखाई दे रहा है.
विगत कुछ दिनों पहले बारिश में ही पुसद न.प. प्रशासन की पोल खुल गई. तब से लेकर शहर अधिकांश क्षेत्र गंदगी से भरा है. बिमारियां होने से मरीजों की संख्या बढ़ रही है. न.प. प्रशासन सफाई अभियान पर जल्द से जल्द ध्यान दे ऐसी मांग की जा रही है. जिलाधीकारी संचिंद्र प्रताप सिंह ने जिले के न.प. मुख्याधिकारीयों को सफाई को लेकर गंभीरता बरतने के निर्देश दिए थे. पुसद न.प. प्रशासन सरेआम उनके आदेशों की धज्जियां उड़ाते दिखाई दी रही है.
File pic