सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की सभी दलीलें खारिज करते हुए येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह को न रुकवाने का फैसला किया है। आज सुबह 9 बजे बीजेपी की ओर से येदियुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हालांकि इस मामले में कोर्ट का आखिरी फैसला आना अभी बाकी है। कोर्ट में कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी एवं बीजेपी की ओर से मुकुल रोहतगी अपनी-अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं।
आपको अवगत करा दें कि कर्नाटक के राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया है, जिसको लेकर विपक्षी दलों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। राज्यपाल ने बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया है, जिसके खिलाफ कांग्रेस के वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। क्या सीजेआई इस विषय पर सुनवाई करेंगे यह देखना दिलचस्प होगा। वहीं कांग्रेस ने राज्यपाल के इस फैसले को लोकतंत्र की हत्या बताया।
बड़े अपडेट्स –
04.41 AM: कांग्रेस की बात पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम शपथ ग्रहण नहीं टालेंगे.
04.38 AM: कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि येदियुरप्पा के शपथग्रहण को शाम 4.30 बजे तक के लिए टाल दीजिए.
04.34 AM: सुप्रीम कोर्ट ने जेडीएस की याचिका की सुनवाई करते हुए बीजेपी को नोटिस जारी किया है. साथ ही कोर्ट ने याचिका खारिज नहीं की है बल्कि कहा है कि इस पार आगे भी सुनवाई हो सकती है.
04.32 AM: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बहुमत साबित करने के समय पर बहस के बाद फैसला होगा.
04.30 AM: मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट के पास बहुत विस्तृत अधिकार है. कोर्ट राष्ट्रपति शासन को खारिज कर सकती है. नई सरकार को हटाकर पुरानी सरकार को बहाल कर सकती है. लेकिन फैसले को लागू होने से नहीं रोका जा सकता है.
04.25 AM: येदियुरप्पा की शपथ का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है.
04.20 AM: रोहतगी ने कहा कि इस देश में राष्ट्रपति और राज्यपाल के आदेश देने के अधिकार को चुनौती नहीं दी जा सकती. आर्डर को चुनौती दी जा सकती है.
04.16 AM: कर्नाटक पर सुबह पांच बजे फैसला सुना सकता है सुप्रीम कोर्ट.
04.15 AM: रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल का विशेषाधिकार कोर्ट से परे है. मेरे विचार से याचिका खारिज हो.
04.12 AM: पूर्व AG मुकुल रोहतगी ने याचिका खारिज करने की मांग की.
04.09 AM: याचिका दाखिल ही नहीं होनी चाहिए थी- अटॉर्नी जनरल
04.08 AM: अटॉर्नी जनरल बोले कि हमें नहीं पता फ्लोर टेस्ट में क्या होगा.
04.05 AM: अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कांग्रेस को फ्लोर टेस्ट का इंतजार करना चाहिए था.
04.03 AM: अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस मामले को बहुमत परिक्षण के बाद भी सुना जा सकता है.
04.02 AM: सुप्रीम कोर्ट में बोली BJP- हम 7 दिन में बहुमत साबित करने को तैयार.
04.01 AM: रोहतगी बोले- 7 दिन हों, 10 दिन या 15 दिन हम इसकी सुनवाई कल कर सकते हैं.
04.00 AM: रोहतगी बोले- इस मामले की सुनवाई टाली जा सकती है. जब एक दो दिन में सारे कागज़ आ जाएंगे तब कर सकते हैं.
03.58 AM: जस्टिस सीकरी- बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन क्यों?
अटॉर्नी जनरल- ये तो राज्यपाल का विवेक है.
जस्टिस सीकरी- तो वो फ्लोर टेस्ट में फेल हो सकते हैं?
अटॉर्नी जनरल- ये तो हमें नहीं पता.
जस्टिस सीकरी- लेकिन आपके नम्बर फिगर तो ऐसा नहीं कहते.
अटॉर्नी जनरल- अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है.
03.54 AM: जस्टिस सीकरी ने अटॉर्नी जनरल ने कहा- आपके पास बहुमत नहीं है.
03.52 AM: जस्टिस सीकरी ने कहा- हम राज्यपाल का नहीं, उनके काम का आकलन कर रहे हैं.
03.52 AM: जस्टिस बोबडे ने पूछा- BJP को कर्नाटक में 15 दिन क्या करने के लिए चाहिए? अटॉर्नी जनरल- 15 दिन में आसमान नहीं टूट पड़ेगा.
03.51 AM: अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हस्ताक्षरों की प्रामाणिकता नहीं.
03.49 AM: जस्टिस सीकरी ने अटॉर्नी जनरल से पूछा- अगर कोई विधायक की शपथ लिए बिना दूसरे दल को सपोर्ट करना चाहे तो दलबदल कानून लागू होगा या नहीं? अटॉर्नी जनरल- शपथ से पहले लागू नहीं होगा.
03.47 AM: केके वेणुगोपाल ने कहा कि मुझे राज्यपाल की चिट्ठी के बारे में नहीं पता. मैं केंद्र की ओर से आया हूं.
03.45 AM: जस्टिस बोबडे ने एजी से पूछा- क्या मंत्रिमंडल से पहले विधायकों को शपथ दिलाई जा सकती है? एजी बोले- ऐसी परंपरा नहीं है. पहले मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल शपथ लेते हैं.
03.42 AM: मुकुल रोहतगी से कोर्ट ने बीजेपी के समर्थन की चिट्ठी मांगी. बोले- रात में सुनवाई नहीं होनी चाहिए. पिछली बार फांसी के मामले में सुनवाई हुई थी. मुझे तो बस एक फोन आया और मैं यहां आ गया.
03.39 AM: अटॉर्नी जनरल की दलील शुरू. केंद्र और राज्यपाल की ओर से देंगे दलील.
03.35 AM: जस्टिस सीकरी ने कहा- आप जो बीजेपी के सरकार दावे के बारे में कह रहे हैं, हो सकता है वह सच हो पर हम कैसे कैसे मान लें?
03.33 AM: सिंघवी ने कोर्ट से कहा- आप मेरिट पर फैसला करें. देश की सबसे बड़ी अदालत के तीन जज रात के दो बजे से ये अहम मामला सुन रहे हैं. लोकतंत्र निश्चिंत है.
03.31 AM: सिंघवी ने कहा- कर्नाटक में शपथ ग्रहण परसों भी तो हो सकता है.
03.21 AM: सिंघवी ने कहा- शपथ ग्रहण को रोकें, इससे राज्यपाल के आदेश में हस्तक्षेप नहीं होगा.
03.18 AM: सिंघवी ने कहा- अगर यह कोर्ट संविधान की धारा 356 के तहत राष्ट्रपति शासन को रोक सकता है तो राज्यपाल के आदेश को क्यों नहीं?
03.14 AM: कोर्ट ने केस की मेरिट की सवाल पर उठाए. सिंघवी से कहा- आपके पास राज्यपाल की बीजेपी को शपथ ग्रहण की दी गई चिट्ठी ही नहीं तो कैसे दलील सुनें?
03.13 AM: जस्टिस सीकरी ने सिंघवी से कहा- हम इस मामले में कैसे हस्तक्षेप करें? आपके पास तो बीजेपी का सरकार बनाने का दावा पेश करने वाली चिट्ठी भी नहीं है.
03.12 AM: मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल को पार्टी नहीं बनाया जा सकता है.
03.10 AM: सिंघवी का सवाल- शपथ ग्रहण करवाने के लिए राज्यपाल की ओर से इतनी हड़बड़ी क्यों दिखाई गई?
03.03 AM: सिंघवी की दलील- राज्यपाल के विशेषधिकार भी ज्यूडिशियल रिव्यू के दायरे में आते हैं.
03.00 AM: सिंघवी ने कहा कि दिल्ली में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी थी लेकिन AAP और कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बुलाया गया और जम्मू-कश्मीर में एनसीपी सबसे बड़ी पार्टी थी लेकिन बीजेपी और पीडीपी ने सरकार बनाई.
03.00 AM: सिंघवी ने दिल्ली में AAP और कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी के सरकार बनाने का उदाहरण दिया.
02.56 AM: सिंघवी ने दलील दी- 2018 में मेघालय में और गोआ में भी ऐसा ही हुआ. तब सुप्रीम कोर्ट ने उसे बरकरार रखा था. झारखंड में भी एसे ही पोस्टपोल अलायन्स हुए और सरकार बनी.
02.51 AM: अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल भी हैं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मौजूद.
02.46 AM: जज बोबडे ने मनु सिंघवी ने कहा कि आपको संविधाव की धारा 361 की व्याख्या भी समझनी होगी. क्या राज्यपाल को नियंत्रित किया जा सकता है, ऐसे तो वैक्यूम पैदा हो जाएगा.
02.44 AM: जस्टिस बोबडे ने पूछा कि हमारे पास क्या विकल्प हैं, क्या मौजूदा सरकार को ही जारी रखा जाए, क्योंकि वैक्यूम तो नहीं छोड़ा जा सकता.
02.41 AM: जस्टिस सीकरी- हमें यह भी देखना होगा कि बीजेपी दावे के मुताबिक बहुमत साबित कर पाती है या नहीं.
02.39 AM: येदियुरप्पा ने 7 दिन मांगे थे और राज्यपाल ने 15 दिन दे दिए- सिंघवी.
02.37 AM: कोर्ट ने कहा- सरकारिया रिपोर्ट में भी बहुमत वाली एकल पार्टी को बुलाने की बात है.
02.35 AM: ऐसा पहली बार देखा कि किसी दल को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाए- सिंघवी.
02.34 AM: सिंघवी बोले कि राज्यपाल के पास कोई विकल्प नहीं, सबसे बड़े गठबंधन या दल को बुलाना होगा.
02.32 AM: सिंघवी ने कहा कि गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन चुनाव पश्चात हुए गठबंधन के बाद बीजेपी को सरकार बनाने का मौका मिला.
02.25 AM: सिंघवी बोले- 2017 में गोवा में सरकार बनाने के बीजेपी के कदम को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया था.
02.23 AM: सिंघवी बोले- स्पष्ट बहुमत न होने की स्थिति में सरकारिया आयोग और रामेश्वर बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के फैसले में भी पहले बहुमत वाले दल को प्राथमिकता दे. ऐसा न हो तो चुनाव पूर्व गठबंधन या चुनाव पश्चात गठबंधन को सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए.
02.18 AM: अभिषेक मनु सिंघवी बोले- जेडीएस ने बहुमत के सबूत के साथ सरकार बनाने का दावा भी कर दिया था.
02.17 AM: अभिषेक मनु सिंघवी ने पूछा- बीजेपी कैसे साबित करेगी बहुमत?
02.14 AM: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी.अभिषेक मनु सिंघवी बोले- हमारे पास 117, बीजेपी के पास केवल 104 MLA.
02.05 AM: मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में जाने से पहले कहा कि राज्यपाल के पास सबसे बड़े दल को बुलाने का अधिकार है, अगर सबसे बड़ी पार्टी बहुमत साबित नहीं बना सकी तो दूसरी पार्टी को मौका मिलेगा.
02.02 AM: मुकुल रोहतगी बीजेपी का पक्ष रखेंगे.
01.59 AM: मुकुल रोहतगी ने कहा कि कांग्रेस इस मामले में गोवा विधानसभा का उदाहरण नहीं दे सकती, क्योंकि उसने वहां पर सरकार बनाने का दावा ही पेश नहीं किया था.
01.55 AM: सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस और जेडीएस की अर्जी पर सुनवाई जारी.
01.55 AM: संसद के बाहर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन.
01.47 AM: पूर्व सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट.
01.45 AM: सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे जज और वकील.
01.40 AM: अडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता रखेंगे केंद्र सरकार यानी राज्यपाल का पक्ष.
01.37 AM: बेंगलुरु के रिजॉर्ट में कांग्रेस विधायकों ने कहा बस कर्टसी मीटिंग थी, साथ खाना खाया, अब घर जा रहे हैं.
01.35 AM: अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों से कोई बात नहीं की. मुस्कुराते हुए निकले.
01.32 AM: कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट.
01.28 AM: अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट कर कहा, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लायक समझा है.