नागपुर: दोनों साथ जीना चाहते थे, लेकिन शायद जानते थे कि उनका प्यार इस दुनिया की आँख में हमेशा चुभता रहेगा। इसलिए दोनों ने साथ-साथ मर जाने का फैसला किया और मर गए। यह किसी फ़िल्मी कहानी का सीन नहीं लिखा जा रहा है, बल्कि वह दुःखद खबर है, जिसे साझा करते समय दुनिया का ज़ालिमाना चेहरा आँखों के सामने तैर-तैर जाता है।
लकड़गंज में हुआ प्रेमी युगल का दुःखद अंत
18 वर्षीय दीपिका, 21 साल के सोनू हबीब शेख से प्यार करती थी। दोनों साथ जीवन बिताना चाहते थे, लेकिन धर्म-मज़हब की चादर में लिपटे समाज ने इन दो युवा दिलों की इस छोटी सी ख्वाहिश को भी नामंजूर कर दिया। वैलेंटाइन दिन के उत्साह को दीपिका और सोनू के परिजनों की झिड़कियों ने बेकार कर दिया था। दोनों बहुत देर तक शहर की सड़कों पर घूमते रहे और फिर दीपिका के कमरे पर लौटकर दोनों ने गुरुवार को किसी समय साथ आत्महत्या कर ली।
दोनों ने एक-दूजे का हाथ कसकर पकड़ रखा था
गुरुवार की रात साढ़े आठ बजे दीपिका की माँ जब आज सुबह दीपिका के कमरे पर गयी और बार-बार उनके आवाज देने पर भी जब कमरे का दरवाजा दीपिका ने नहीं खोला तो वह उस कमरे के मालिक को बुला लायीं। दीपिका लकड़गंज के भाऊराव नगर में अपनी माँ के साथ किराए के घर में रहती थी। घर मालिक ने जब खिड़की से झाँका तो वह कमरे के पंखे से लटकते दो युवाओं को देखकर बौखला गया। पड़ोसियों में से किसी ने पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर कमरे में प्रवेश किया तो सभी ने देखा कि दीपिका और सोनू अब एक लाश की तरह पंखे से लटक रहे हैं। ओढ़नी का फंदा बनाकर आत्महत्या करते समय दोनों ने एक दूजे का हाथ मजबूती से पकड़ रखा था, जैसे इस जालिम दुनिया को संदेश दे रहे हों, “प्यार करने वाले को कोई जुदा नहीं कर सकता, मौत भी नहीं…”
तफ़्तीश जारी
लकड़गंज थाने के पुलिस निरीक्षक सत्यवान माने दीपिका और सोनू के आत्महत्या की जाँच कर रहे हैं। दोनों के शव पोस्टमॉर्टेम के लिए भेज दिए गए हैं और फ़िलहाल पुलिस डायरी में दीपिका और सोनू की अनचाही मौत ‘आकस्मिक मृत्यु’ के तौर पर दर्ज हो चुकी है।