भद्रावती (चंद्रपुर)। देश में व्यसन से कर्करोग का प्रमाण बढ़ रहा है. युवकों ने इस बिमारी से दूर रहने के लिए व्यसन ना करे ऐसा आवाहन यहाँ के शिंदे हॉस्पिटल के संचालक डॉ. विवेक शिंदे ने स्व. प्रकाश कोबे और स्व. मुन्ना शर्मा के स्मृती में शिंदे महाविद्यालय में आयोजित भव्य व्यसन मुक्ती और एच.आय.व्ही इन विषयों पर मार्गदर्शन शिविर के दौरान किया.
विर फाउंडेशन भद्रावती निलकंठराव शिंदे, निजी आयटीआय भद्रावती के संयुक्त सहयोग से उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रा. जयंत वानखेड़े, य.शिं.क.म. भद्रावती उपस्थित थे. प्रमुख अतिथी डॉ. विवेक शिंदे,डॉ. वैभव शिंदे,प्रा. डॉ. शैलेंद्र देव नि.शि.म. भद्रावती आदि मान्यवर मंच पर उपस्थित थे.
स्व. प्रकाश कोबे और स्व. मुन्ना शर्मा की प्रतिमा को माल्यार्पण कर दिप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. उसके बाद डॉ. विवेक शिंदे ने व्यसनमुक्ती विषय पर मार्गदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहां की तंबाकू, सिगरेट, दारू के सेवन से कैंसर होता है. इन बिमारी से मनुष्य का जिवन बरबाद होता है. कैंसर कोई जाती, धर्म, पंथ देखकर नहीं होता. समाज के किसी भी व्यक्ति हो सकता है, जिससे युवाओं ने अपना अमुल्य जिवन अच्छे से जिने के लिए सावधान होकर व्यसनमुक्त होना चाहिए ऐसा उपदेश डॉ. विवेक शिंदे ने अपने मार्गदर्शन से कहाँ है.
डॉ. वैभव शिंदे ने एच.आय.व्ही इस विषय पर मुल्यवान मार्गदर्शन किया. अपने मार्गदर्शन में उन्होंने कहाँ विविध कारणों से एच.आय.व्ही बिमारी का संक्रमण होता है जिसके लिए युवाओं ने ध्यान रखना आवश्यक है. भारत में करीब 20 लाख एच.आय.व्ही के मरीज है. भविष्य में युद्ध से जनसंख्या कम होने से पहले एच.आय.व्ही से जनसंख्या कम होने की संभावना दिख रही है. इसदौरान प्रोजेक्टर पर कैंसर और एच.आय.व्ही बिमारी के बारे में दिखाया गया. तथा प्रमुख मार्गदर्शकों ने श्रोताओं ने पुछे सवालों का समाधान कारक जवाब दिया.
कार्यक्रम का संचालन विर फाउंडेशन के सचिव तथा नगरसेवक राजू गैनवार ने किया और प्रास्ताविक विर फाउंडेशन के उपाध्यक्ष तथा नगरसेवक विनोद वानखेड़े ने किया. आभार प्रदर्शन विर फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. प्रा. कार्तिक शिंदे ने किया. इस कार्यक्रम में विविध क्षेत्र के नागरिक और युवा वर्ग हजारों की संख्या में उपस्थित थे.
कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रा. डॉ. विशाल शिंदे,पवन हुरकट, मनीष सारडा, विजय ठेंगे, सुरेश निहारे, अनिल मोडक, सतीश खेमसकर, रविंद्र राव, प्रशांत इंगले, राजू डाखरे, ललित कोलते, निखिल घिवे, पंकज शेडामे आदि ने परिश्रम किया.