नागपूर: शहर के इतिहास में इतना विशाल स्लॅब पहली बार महा मेट्रो रेल कि और से स्टेशन निर्माण के लिए ८१ घंटो में २६०० क्युबिक मीटर स्लॅब बिछाया गया. जिस स्थान पर स्लॅब डाला गया है, वह शहर ही नही पुरे देश का केंद्र बिंदू माना जाता है, झिरो माईल से लगकर ही महा-मेट्रो रेल परियोजना कि और से स्टेशन का निर्माण तेज गती से किया जा रहा है. शुक्रवार को सुबह ६ बजे से प्रारंभ हुए स्लॅब बिछाने के कार्य में २६ ट्राजिट मिक्सर मटेरियल कि पूर्ती में लगे रहे. ८३२ मेंट्रिक टन सिमेंट का उपयोग किया गया. ट्राजिट मिक्सर ने आरएमसी प्लांट से निर्माण स्थल तक ४५० ट्रीप लगाई. यह प्रथम चरण का कार्य सोमवार को रात ८ बजे पूर्ण कर लिया गया. प्लाय एश २७५ मेंट्रिक टन उपयोग में लाई गयी.
कांक्रिट के लिए ६४५ मेट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया,घनत्व के लिए वायब्रेट कि व्यवस्था की गयी थी. मटेरियल सप्लाय के लिए २ पंप लगाए गए थे. इनके अलावा २ पंप इमरजेंसी के लिए तैयार रखे गये थे . स्लॅब की मोटाई ढाई मीटर रखी गई है. ९ मंजिला इमारत कि नींव डालते समय महा मेट्रो के ४ इंजिनियर, जीसी के ७ एक्जुक्युटीव, ३ वक्वालिटी कंट्रोल के इंजिनियर, १ सेफ्टी इंजिनियर,आयटीडी के १२ एक्जुक्युटीव इंजिनियर, ८ सुपरवायजर, ६ टेक्निशियन,५वक्वालिटी कंट्रोल इंजिनियर,३ एडमिनिस्ट्रेटीव स्टाफ, ५ सेफ्टी इंजिनियर तथा १६० कर्मचारी काम में जुटे रहे.
उल्लेखनीय है कि महा-मेट्रो के व्यवस्थापकीय संचालक डॉ.बृजेश दीक्षित ने झिरो माईल स्टेशन कि इमारत को बहुमंजीली बनाने के साथ ही इस क्षेत्र का प्लान आंतरराष्ट्रीय महत्व को देखते हुए किया है. मेट्रो रेल स्टेशन कि डिजाईन के साथ इसे आकर्षक बनाने के साथ ही बहुपयोगी बनाने का प्लान किया है. इस स्थान पर आईकॉनिक टॉवर भी बनाया जा रहा है जो सभी से कनेव्कट रहेंगा. व्यावसायिक तथा शासकिय कार्यालयो के अलावा यह परिसर आगंतुको के लिये आकर्षण का केंद्र रहेंगा. इमारत में ही २५० कार पार्किंग कि व्यवस्था करने का प्रावधान किया गया है.आवागमन के लिये ८ एस्केलेटर्स और १० लिफ्ट् उपलब्ध रहेंगी.झिरो माईल स्टेशन के प्लॉट का क्षेत्र १२००० वर्गमीटर के साथ २ बेसमेंट, ग्राउंड प्लोर सहित १९ मंजिला इमारत रहेंगी. इसकी उंचाई ९० मिटर निर्धारित की गयी है. महानगर के इतिहास में इतनी बडी विशाल इमारत का निर्माण होना आरेंज सिटी कि सबसे बडी उपलब्धी है.