नागपुर: तीन दिनों की हड़ताल के बाद जिला परिषद में शुक्रवार को कामकाज नियमित रूप से शुरू होना था, लेकिन सुबह जब अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय पहुंचे तो यहां की बिजली गुल थी. इस इमारत की बिजली व्यवस्था पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा देखी जाती है. खराबी तलाशने और सुधार कार्य करने में ही दोपहर के 3 बज गए. तब तक कुछ विभागों की बैठकें अधिकारियों ने सभागृहों को दरवाजे खिड़की खोलकर अपर्याप्त रोशनी में ही ली.
इतना ही नहीं ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की प्रेस परिषद भी दोपहर 1 बजे यहां आयोजित की गई थी. उनके आने के पहले किसी भी तरह बिजली सुचारु करने की कवायद पीडब्ल्यूडी, जिप इलेक्ट्रिशियनों की टीम और एसएनडीएल की टीम करती रही, लेकिन उन्हें भी ऊपरी माले के एक मीटिंग हाल में खिड़कियों की रोशनी में ही प्रेस परिषद लेनी पड़ी.
पंखे व एसी बंद होने से दोपहर 3 बजे तक अधिकारी-कर्मचारियों को गर्मी से भी हलाकान होना पड़ा. कम्प्यूटर बंद होने से कामकाज भी बुरी तरह प्रभावित हुए. तीन दिनों की हड़ताल के बाद चौथे दिन भी बिजली की समस्या ने कामकाज में बाधा पहुंचाई.
मेन्टेनेन्स की अनदेखी
जिला परिषद इमारत में हाईटेंशन लाइन का कनेक्शन है. यहां के आरएमयू (रिंग मेन यूनिट) आदि के मेन्टेनेन्स का जिम्मा पीडब्ल्यूडी विभाग पर है. लेकिन मेन्टेनेन्स के अभाव में आरएमयू में भारी नमी होने से खराबी आ गई थी. लगभग गलने की स्थिति में हालत पहुंच गई.
बताया गया कि इसी के चलते बिजली आपूर्ति में आंतरिक खराबी आने से बिजली गुल हो गई थी. चूंकि ऊर्जामंत्री की प्रेस परिषद यहां होनी थी इसलिए पीडब्ल्यूडी व जेडपी इलेक्ट्रिशियनों के साथ ही एसएनडीएल के इंजीनियरों व तकनिशियनों की टीम सुबह से ही सुधार कार्य में जुटी रही.
ऊर्जामंत्री की पीसी समाप्त होने के बाद जब वे परिसर से रवाना हुई तब दोपहर 3 बजे बिजली की खराबी सुधारी जा सकी. एसएनडीएल की ओर से बताया कि उनकी ओर से इमारत तक सप्लाई नार्मल थी.