खामगांव
मुस्लिम धर्मावलंबियों का पवित्र माह रमजान शुरू हो गया है. बरकतों के इस महीने में बड़े-बूढ़े, बच्चे और महिलाएं रमजान के तीस रोजे रखती हैं और अल्लाह-तआला की इबादत करती हैं. रमजान के दौरान बाजार में बड़ी रौनक होती है. बाजार गुलजार रहते हैं. खामगांव के मस्तान चौराहे पर शाम को भारी भीड़ हो जाती है. लोग इफ्तार का सामान खरीदने के लिए जुुटते हैं.
5 समय की नमाज
इस दौरान प्रतिदिन 5 समय नमाज पढ़कर अल्लाह को याद किया जाता है. सुबह 3 बजे से लोग रोजे की तैयारी में लग जाते हैं और सुबह 4 बजे तक सहरी कर शाम 7 बजे तक रोजा रखा जाता है. शाम 7 बजे रोजा खोला जाता है. इसे इफ्तारी कहते हैं. इस पूरे माह में मस्जिदों में तरावीह की नमाज में कुरान का पाठ किया जाता है. तरावीह की नमाज में मस्जिदें नमाजियों से खचाखच भरी रहती हैं.
सत्कर्म की सलाह
इस माह में सभी को सत्कर्म की सलाह दी गई है, जिसमें मनुष्य को सभी इंद्रियों को अपने वश में कर गलत कार्य नहीं करने, गिला-शिकवा और किसी की चुगली नहीं करने, अच्छे विचार रखने, हराम की कमाई नहीं खाने और अवैध कामों से बचने की सलाह की गई है. रमजान का 26 वां रोजा बड़े रोजों के नाम से जाना जाता है. इस माह अपने परिवार की रक्षा, अपराधों के प्रति क्षमा, आपसी प्रेम, भाईचारे की दुआ मांगी जाती है. रमजान का महीना खत्म होने के बाद ईद मनाई जाती है.
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